नई दिल्लीः तीन साल पहले कोरोना वायरस ने भारत सहित पूरी दुनिया में कहर बरपाया था, जिसमें कई लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इतना ही नहीं कोरोना की रफ्तार पर काबू पाने के लिए भारत में लॉकडाउनल लगाने का फैसला लिया गया था।
अभी पुराने कोरोना वायरस के जख्मों को लोग भूले नहीं थे, अब नया संक्रमण लोगों के लिए चिंता का सबब बनने लगा है। कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का सब रूप JN.1 तेजी से पांव पसारता जा रहा है। इस वेरिएंट के केस दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे हर किसी की टेंशन तेजी से बढ़ी हुई हुई है।
संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के चलते अब विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने चौंकाने वाला दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा, यह जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल पूरा ध्यान से पढ़ने की जरूरत होगी।
डब्ल्यूएचओ ने कही बड़ी बात
ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट JN.1 की बढ़ती रफ्तार को लेकर दुनियाभर की निगाहें लगी हैं। सभी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं कोरोना वायरस की तरह ना फैल जाए। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने कुछ बड़े दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
डब्ल्यूएचओ ने इसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित करने का फैसला लिया गया है। बढ़ते इस वायरस को लेकर वैज्ञानिकों को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। वह यह देखेंगे कि इसका रूप तो नहीं बदल रहा। इसके साथ ही JN.1 से जुड़े कोविड-19 के मामले भारत, चीन, यूके और यूएस समेत दुनिया के कई देशों में देखने को मिल रहे हैं। हालांकि WHO के मुताबिक, इसका रिस्क कम है, लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी दी कि कोरोना और अन्य संक्रमण ठंड में विस्तार कर सकता है।
तेजी से फैल सकता है वेरिएंट
डब्ल्यूएचओ अभी JN.1 समेत ओमिक्रॉन से जुड़े कई वेरिएंट की बारीकी से निगरानी करती दिख रही है। फिलहाल किसी को भी चिंताजनक नहीं माना जा रहा। इसके साथ ही यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार JN.1 कोविड-19 का सबसे तेजी से संक्रमित करने वाला वेरिएंट माना जाता है। अमेरिका में 15-29 फीसदी संक्रमण के लिए जिम्मेदार है।
जानकारी के लिए बता दें कि तीन साल पहले भारत में कोरोना वायरस ने खूब तबाही मचाई थी। इसमें कई लाख लोग मौत के गाल में समा गए थे। इतना ही नहीं लोगों को जान के साथ-साथ माल का भी बड़ा नुकसान भुगतना पड़ा था।