नई दिल्ली- लोकसभा चुनाव 2024 करीब आम चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कहते हैं कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। ऐसे में लोकसभा चुनाव करीब आते ही यूपी की राजनीति भी गरमा गई। इसी बीच अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी बड़े सियासी छठ के दे रही है।
बता दें कि हाल ही में दारा सिंह चौहान ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि वह जल्दी ही एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते गौरतलब है। कि दारा सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव 2022 से कुछ समय पहले ही भाजपा से इस्तीफा दिया था। और सपा में शामिल हुए थे। ऐसे में एक बार फिर उनका सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामना भाजपा के लिए सियासी फायदा और सपा के लिए सियासी नुकसान साबित हो रहा है।
यूपी के सियासी गलियारों में इन दिनों ओपी राजभर को लेकर भी काफी चर्चाएं माना जा रहा है। कि ओमप्रकाश राजभर भी जल्द ही भारतीय जनता पार्टी के साथ मिल सकते हैं। बता दें कि ओपी राजभर ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं के साथ मुलाकात की मारा जा रहा है। कि इस मुलाकात के बाद ओपी राजभर का भाजपा के साथ जाना तय हो जाएगा।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक ओमप्रकाश राजभर को उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। इसी के साथ अरुण राजभर भी गाज़ीपुर सीट से भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ सकते हैं माना जा रहा है। कि ओमप्रकाश राजभर जल्दी राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने का ऐलान कर सकते हैं।
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ था। अखिलेश यादव और ओपी राजभर ने भाजपा को सियासी रण में हराने क्या खूब रणनीतियां बनाई थी। मगर चुनावी परिणाम दोनों के लिए निराशा लेकर आए थे इसके बाद ओपी राजभर और अखिलेश यादव के बीच सियासी दूरियां बढ़ती चली गई। इसी दौरान ओपी राजभर कई मौके पर भाजपा नेताओं के साथ दिखे थे।