नई दिल्ली। भारत में हिंदू धर्म में प्राचीन समय से सूर्य भगवान को अर्घ देने की परंपरा चली आ रही है। रविवार के दिन को सूर्य देव का वार माना गया है। इस दिन सूर्य भगवान की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। साल के पहले दिन की शुरुआत भी रविवार से हो रही है, ऐसे में साल भर सूर्य भगवान की कृपा पाने के लिए आप विधि पूर्वक अगर भगवान को अर्घ देते हैं।
तो उनकी कृपा आपको अवश्य मिलती है। कहा जाता है कि सूर्य भगवान ग्रहों के राजा हैं। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का प्रबंध कोई और नहीं है अगर किसी व्यक्ति को सूर्य भगवान की कृपा मिल जाए तो उसे जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सुबह सुबह उगते हुए सूर्य को प्रणाम करना एवं जल अर्पित करने से सूर्य भगवान प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को तरक्की के नई ऊंचाइयों पर ले कर जाते हैं। आइए जानते हैं कि सूर्य देव को जल अर्पित करने की सही विधि क्या है। धार्मिक ग्रंथों में यह बताया गया है कि स्नानादि करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए।
एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें सिंदूर अक्षत लाल फूल लाल सिंदूर डालकर सूर्य भगवान को पूर्व दिशा की ओर मुख के दोनों हाथों से सिर से ऊपर ले जाकर हाथों से पानी की धारा सूर्य के प्रकाश में डालनी चाहिए यह पानी गमले या फिर बर्तन में अर्पित कर सकते हैं। इस पानी का ध्यान रखें कि यह पानी कहीं गलत जगह पर ना जाए या नाली में ना जाए। साथ ही आपको सूर्य मंत्र का उच्चारण भी करना है।
सूर्य देव को कितनी बार जल अर्पित करना चाहिए
जल अर्पित को लेकर शास्त्र में कहा गया है कि जल अर्पित करने की विधि में भगवान सूर्य को तीन बार जल अर्पित किया जाता है। पहली बार अर्घ देने के बाद एक परिक्रमा करनी चाहिए। दूसरी बार अर्पित करने के बाद परिक्रमा करें तीसरी बात जल अर्पित करके फिर परिक्रमा करनी चाहिए ।