नई दिल्ली – प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के डायरेक्टर का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई थी। सुनवाई के दौरान कार्यकाल बढ़ाने को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध माना। इसे विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को झटका कहा। जिस पर गृहमंत्री अमित शाह ने पलटवार किया।
प्रवर्तन निदेशालय यानी दी वह केंद्रीय जांच एजेंसी जिसका नाम लेते ही मौजूदा दौर की सियासत में उबाल आ जाता है। इससे जुड़ा एक फैसला मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिया। जिस पर केंद्र सरकार को घेरा जाने लगा शाम को गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों पर पलटवार करते हुए एक टि्वटर हैंडल पर ट्वीट किया क्या है। यह पूरा विवाद जिसको लेकर आज राजनीतिक गलियारों में हलचल चल रही है। यह समझिए
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस और टीएमसी नेताओं ने एक अर्जी दायर की थी। यह अर्जी डायरेक्टर को सेवा विस्तार देने के खिलाफ थी। इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
जस्टिस बीआर गवाई विक्रम नाथ और संजय करोल की बेंच ने ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाए जाने को लेकर अवैध कहां है। यानी अब ईटी के निर्देशक इस महीने की आखिरी तक हट जाएंगे इसके बाद नए निदेशक की नियुक्ति होगी। अगर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला नहीं आता तो मिश्रा नवंबर 2023 तक पद पर रहते।
कोर्ट के फैसले के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेर लिया। विपक्षी हमलावरों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ईडी का निर्देशक कौन है। इससे फर्क नहीं पड़ेगा और ईडी अपना काम करती रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी के निर्देशक संजय मिश्रा को तीसरी बार सेवा विस्तार देना पूरी तरह से अवैध है इसके साथ ही कोर्ट ने माना कि संसद को अधिकार है। कि वह कानून में संशोधन कर सकती है उस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है।
62 साल के संजय मिश्रा 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी मिश्रा वोल्टी निर्देशक हैं। जिनके कार्यकाल में ही सोनिया गांधी राहुल गांधी से ईटी दफ्तर में पूछताछ हुई थी। बाद में कांग्रेस अध्यक्ष बने मलिकार्जुन खरगे से लेकर ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बैनर्जी तक से ईडी ने संजय मिश्रा के कार्यकाल में ही भ्रष्टाचार के आरोपों का सवाल जवाब किया गया।
संजय मिश्रा को 19 नवंबर 2018 को ईटीका निर्देशक बनाया गया था। ईडी के निर्देशक का कार्यकाल 2 साल बढ़ा दिया गया था। फिर नवंबर 2021 में सरकार ने सीबीआई चीफ को एक 1 साल की सेवा विस्तार देने वाला अध्यादेश लाई जो बाद में संसद में भी पारित हुआ। फिर नवंबर 2021 में संजय मिश्रा को दूसरी बार फिर नवंबर 2022 में तीसरी बार सेवा विस्तार सरकार ने दिया।