नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव का प्रचार अब थम चुका है, जिसके लिए सभी नेताओं ने खूब मेहनत की। राज्य की सभी सीटों पर एक ही चरण में मतदान 25 नवंबर यानी कल को होना है, जहां लोग अपने प्रत्याशी की किस्मत ईवीएम में कैद करेंगे।
चुनाव में सीधी टक्कर बीजेपी और कांग्रेस के बीच देखने को मिल रही है। माहौल अपने पक्ष में बनाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के तमाम दिग्गजों ने जीतोड़ मेहनत कर वोटों की अपील की है। पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के अलावा कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, प्रिंयका गांधी और सीएम अशोक गहलोत ने जमकर प्रचार किया।
अब सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस और बीजेपी की ओर से सीएम का ताज किसे पहनाया जाएगा। भले ही कांग्रेस ने सीएम अशोक गहलोत द्वारा कराए गए विकास कार्यों पर वोट की अपील की, लेकिन कोई भी नेता अगले सीएम पर बोलने से बच रहा है। बीजेपी की ओर से अभी सीएम फेस साफ नहीं है, जिन्होंने राष्ट्रीय नीतियों और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर वोट मांगे।
बीजेपी की ओर से किसे बनाया जाएगा सीएम
चुनाव प्रचार तो थम गया, जिसके साथ 25 नवंबर को लोग वोट भी डाल देंगे। राज्य में किसी पार्टी को बहुमत मिलेगा, यह तस्वीर 3 दिसंबर को साफ होगी। अब सवाल है कि बीजेपी की ओर से सत्ता में वापसी के लिए जमकर प्रचार-प्रसार किया, जहां पीएम मोदी ने भी रैली कर लोगों से वोट मांगे।
अब सवाल उठ रहा है कि बीजेपी की राज्य में सरकार बनती है तो फिर सीएम कौन होगा। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अपनी दावेदारी पर खुलकर तो कुछ नहीं बोल रही हैं, लेकिन इशारों-इशारों में उन्होंने बहुत कुछ बयां किया।
पार्टी ने वैसे इस चुनाव में राजे को इतनी तवज्जो नहीं दी, लेकिन उनकी नाराजगी की चर्चा भी गलियारों में खूब होती रही। बीजेपी की ओर किसे सीएम बनाया जाएगा, यह अभी तय नहीं है। राजस्थान का एक धड़ा राजे के खिलाफ नजर आता है।
गहलोत और सचिन में कौन होगा सीएम
राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अगर सत्ता में वापसी करती है तो फिर किसे सीएम बनाया जाएगा यह बड़ा सवाल बना हुआ है। राज्य स्तर पर दो बड़े नेताओं को सीएम पद के लिए तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को दावेदार माना जा रहा है।
पार्टी के किसी भी बड़े नेता ने किसी को सीएम बनाने के नाम पर वोट नहीं मांगा है। इस पद को लेकर दोनों नेताओं में पहले कई बार नाराजगी सामने आई थी। इतना ही नहीं सचिन पायलट ने एक बार गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
पार्टी नेतृत्व और जमीनी स्तर पर पकड़ की बात करें तो अशोक गहलोत सचिन पायलट से भारी नजर आते हैं। हो सकता है कि कांग्रेस सत्ता में आपने पर गहलोत पर फिर दांव लगाया जा सकता है। अभी पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से किसी बड़े नेता ने कुछ नहीं कहा है।