नई दिल्ली राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। 25 नवंबर को राजस्थान में विधानसभा का चुनाव होना है उसके पहले कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में कड़ी टक्कर देखी जा रही अभी तक कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारों पर भी मोहर नहीं लग सकी है। पहली लिस्ट जरूर राजस्थान में कांग्रेस की तरफ से जारी की गई लेकिन उसके बाद अभी कोई भी लिस्ट जारी नहीं की गई जिसके बाद अब विरोध के सुर दिखाई दे रहे हैं।
बता दे की राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। 2018 में 100 सीटों पर जीतने के बाद कांग्रेस ने सत्ता हासिल की थी। और उसके बाद 2020 में कांग्रेस सरकार गिरने वाली भी थी। लेकिन बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस की सरकार को गिरने नहीं दिया एक बार फिर से 2023 के विधानसभा चुनाव की सियासत राजस्थान में तेज है। और कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार रिपीट करने का दावा किया इस बीच हम आपको बता दें कि गुर्जर बाहुल्य सीटों पर कांग्रेस के लिए मुश्किलें दिखाई दे रही इसके पीछे की क्या वजह है। यह भी हम आपको बताएंगे लेकिन इसके पहले यह जानना बहुत जरूरी है। कि कांग्रेस की तरफ से इतनी देर उम्मीदवारों को उतारने में क्यों लग रही एक-एक कर हम आपको बताते हैं।
अभी तक कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट इसलिए नहीं जारी की क्योंकि पार्टी के अंदर विरोध और बगावत काफी देखने को मिल रही इसलिए अभी तक केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद भी उम्मीदवारों का ऐलान कांग्रेस पार्टी की तरफ से नहीं किया गया फिर भी लगातार बैठकर की जा रही है। मामले का हल निकालने के लिए कांग्रेस लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन अब इस बीच कांग्रेस एक नई मुसीबत में फसती हुई दिखाई दे रही यह मुसीबत क्या है। यह भी हम आपको बताते हैं।
बता दे कि कांग्रेस गुर्जर बहुल सीटों पर इन दोनों काफी मुश्किलों में गिरती हुई नजर आ रही इसके पीछे की वजह है कि जहां पर गुर्जर बबुल्ले इलाका है वहां पर गुर्जर समाज के बड़े नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो रहे हैं जिसका असर सीधे तौर पर देखा जा सकता है कि कांग्रेस में पड़ सकता है क्योंकि कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज देता है। जो की गुर्जर समाज से आते हैं कांग्रेस पार्टी उन नेताओं को मान कितना पाती है यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन अभी तक कोई भी गुर्जर नेता कांग्रेस के पक्ष में बोलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। और ना ही कोई नेता पार्टी के पक्ष में कई नेताओं ने इसकी घोषणा भी कर दी है कि निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
यह वही सीटें हैं जहां पर 2018 के चुनाव में कांग्रेस को एक साथ छूकर गुर्जर समाज के लोगों ने समर्थन दिया था। इन्हीं सीटों पर कांग्रेस पूरे मामले को समेटने के लिए जनसभाएं भी कर चुकी प्रियंका गांधी वाड्रा यहां पर जनसभा को संबोधित भी कर चुकी है। लेकिन उसके बाद भी अभी बगावत जारी है।
बताया जा रहा है कि बिरतपुर विधानसभा में कांग्रेस का काफी विरोध देखने को मिल रहा है यहां पर कांग्रेस के दो बड़े नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
फिलहाल कांग्रेस के मुख्यमंत्री और सचिन पायलट दोनों ही मामले को संभालने में लगे हुए हैं। विरोध को शांत करने में लगे हुए हैं। अब देखना यह होगा किस तरीके से राजस्थान का विधानसभा चुनाव होता है और किस पार्टी को कहां से जीत मिलती है।