नई दिल्ली- राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस ने एक नई व्यवस्था लागू की है। लेकिन यह व्यवस्था कांग्रेस के लिए परेशानी बन सकती है। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को अपने ही लोगों का विरोध सहना पड़ेगा। यानी कि विरोध का सामना करना पड़ेगा।
क्योंकि दो पीढीया के बीच राजनीतिक वर्चस्व को लेकर जंग छिड़ी हुई। ऐसे में युवा वर्ग राजनीति में प्रवेश के लिए टिकट मांग रहे तो पार्टी के वरिष्ठ नेता टिकट की दौड़ में सबसे आगे खड़े है।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगम लगातार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस की तरफ से जल्द ही प्रत्याशियों की सूची जारी की जा सकती है। प्रत्याशियों के चयन के लिए इस बार पार्टी ने नई व्यवस्था बनाई है। ब्लॉक हुआ जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर प्रत्याशी चुनने के लिए कमेटी बनाई गई है। अलवर खैरथल तिजारा और कोटपूतली बाहरोड जिले की 11 विधानसभा सीटों के लिए 232 लोगों के टिकट के लिए दावेदारी की गई है। इसमें आधे से ज्यादा युवा कार्यकर्ता व नेता शामिल है। साथी पार्टी के मंत्री विधायक जिला अध्यक्ष वरिष्ठ नेता भी टिकट की लाइन में खड़े हुए है।
ऐसे में कांग्रेस मुख्य कार्यालय के सामने टिकट को लेकर दो पीडियो में खींचतान चल रही है। जिला स्तर पर कांग्रेस की तरफ से पैनल तैयार करके प्रदेश को भेज दिया गया है।
टिकट की कतार में एक ही परिवार के बेटे और सास भी आमने-सामने खड़े हुए है। पार्टी के पुराने दिग्गज व नेता टिकट मांग रहे और युवा पीढ़ी के लिए जगह छोड़ने को तैयार नहीं है। ऐसे में टिकट की घोषणा के अपने ही कार्यकर्ताओं और नेताओं के विरोध का सामना कांग्रेस को करना पड़ सकता है।
बीते सालों की तुलना में इस बार पार्टी में ज्यादा लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया पार्टी ने युवाओं को मौका देने की बात कही थी। खुद राहुल गांधी व प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित सभी वरिष्ठ युवाओं को अहम देने की बात कह चुके हैं। ऐसे में पार्टी के सामने या बड़ी चुनौती होगी।