नई दिल्ली : मणिपुर(Manipur) इन दिनों हिंसा(Manipur Violence) की आग में झुलस रहा है। दरअसल इसकी वजह यह है कि यहां पर मैतेई समाज को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग तेजी से उठ रही है। मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल करने की मांग की खिलाफ जनजातीय समूह द्वारा बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है इन्हीं विरोध प्रदर्शन की वजह से यहां के 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट की सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
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गौरतलब है कि मणिपुर(Manipur) में हिंसा को काबू करने के लिए सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनाती पर लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक मणिपुर के स्थानीय प्रशासन द्वारा 3 से 4 मई के दौरान सेना को बुलाया गया था। असम राइफल, सेना और राज्य पुलिस द्वारा रात की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कार्यवाही की। वही राज्य में गुरुवार की सुबह तक हालातों पर काबू कर लिया गया था।
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खबरों की माने तो अलग-अलग जगह पर लगभग 4000 ग्रामीणों को सेना और असम राइफल्स द्वारा सीओबी और राज्य सरकार के परिसरों में रहने के लिए जगह दी गई थी। इसके साथ ही धरने को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च भी किया गया। इसके साथ ही ग्रामीणों को हिंसा वाले स्थान से दूसरी जगह भेजने का काम भी जारी है।
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गौरतलब है कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन द्वारा बुलाए गए आदिवासी एकता मार्च से हिंसा भड़क उठी थी। इसी बीच तनाव होने के कारण कई लोगों ने घरों में तोड़फोड़ मचा दी।
खबरों की मानें तो इस रैली में कई सैकड़ों हजारों आंदोलनकारी शामिल हुए थे और इस दौरान एक इलाके में आदिवासियों और गैर आदिवासी लोगों के बीच हिंसा शुरू हो गई। हिंसा को देखते हुए भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागे गए। मौजूदा स्थिति को देखते हुए गैर आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिले में कर्फ्यू लगाया गया है।