नई दिल्ली– 2023 के आखिरी में विधानसभा चुनाव चार राज्यों में होना है। और 2024 में पूरे देश में लोकसभा का चुनाव होना है। जिसको लेकर पूरे देश में तैयारी जोरों पर है। इसे लेकर अब अलग-अलग तरीके की बातें कहीं जा रही हैं।वहीं इस बीच भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जनसभा को कर अपने पक्ष में वोट करने की अपील की जा रही है। तो वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं कांग्रेस की तरफ से जातिगत जनगणना दांव इस पूरे चुनाव में खेला जा रहा है। क्या है पूरी रणनीति नीचे खबर में जानिए
जानकारी के लिए आपको बता दे की 2024 से पहले विपक्षी लगातार अपनी राजनीतिक रोटियां सीखने में पीछे नहीं है रहे हैं। लगातार एक के बाद एक कदम मुद्दों को खेलने के लिए उठने जा रहे हैं। इस व्हीची दलों के इंडिया गठबंधन में जातिगत जनगणना की मांग काफी तेज हो गई अब इसे लेकर कांग्रेस में खुलकर सामने आ गई है।
अभी तक अभी पक्ष के पास महिला आरक्षण बिल का एक बड़ा मुद्दा था लेकिन अब वह लोकसभा राज्यसभा दोनों से पास हो गया है। इस बिल के पास होने के बाद अब विपक्ष के पास जातिगत गणना की मांग लगातार बढ़ा रही है।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में कहां की मैं महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में पूरी तरह से खड़ा हो लेकिन या ओबीसी आरक्षण के बिना पूरी तरह से अधूरा है।
होते हुए कहा कि भारत में जितने परसेंट ओबीसी दलित और आदिवासी उन सब का ध्यान कौन रखेगा यह सवाल पर जवाब सिर्फ जाकर जनगणना से ही मिल सकता है इसलिए राहुल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि गतिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए जाने चाहिए नहीं तो वह कर डालेंगे।
आपको बता दे की 2024 के लोकसभा चुनाव में अभी कुछ समय है। लेकिन उससे पहले ही 28 स्थल मिलकर इंडिया नाम का गठबंधन बनाया है जिसने पूरे गठबंधन में एक राय की मांग की जा रही है। पूरा इंडिया गठबंधन जातिगत जनगणना करने की मांग कर रहा है। भारत में जातिगत जनगणना की मांग कोई नहीं शब्द नहीं दशकों से अलग-अलग पार्टियों ने इसकी मांग की लेकिन आज तक कहीं भी गणना नहीं कराई गई आखिर यह जाति जनगणना होती क्या है। क्या हासिल करना चाहता है। और आखिर मोदी सरकार इस मुद्दे पर क्यों बचती हुईं नजर आ रही पता है।