G20: कश्मीर पर पाकिस्तानी एजेंडे को बेनक़ाब करते हुए भारत जम्मू-कश्मीर में G20 देशों प्रतिनिधियों की मीटिंग कर रहा है तो ठीक इसी बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री विलावल भुट्टो गुलाम कश्मीर के दौरे पर आ रहे हैं। जो विलावल भूख और बेरोज़गारी से बेज़ार पाकिस्तानियों की सुध नहीं ले रहे हैं वो 23 मई को विलावल पार्क में शरणार्थियों से मुलाक़ात करेंगे। यह तो बहाना है दर असल पाकिस्तान के दिल में डर बैठ गया है कि कहीं G20 की मीटिंग के दौरान ही गुलाम कश्मीर (POK) की सरकार कहीं भारत में विलय की घोषणा न कर दे।
पीओके पर नाजायज कब्जा है पाकिस्तान का- देखें
G20 शिखर सम्मेलन को दुनियाभर से मिल रहे समर्थन की वजह से पाकिस्तान की लूली लंगड़ी सरकार बेहद परेशान है। एक ओर इमरान खान ने जीना हराम कर दिया है तो दूसरी ओर पाकिस्तानी फ़ौज का दबाव शहबाज़ शरीफ़ सरकार को जीने नहीं दे रहा है। इसी बीच 22 मई से 24 तक कश्मीर में G20 की बैठक है। शहबाज़ सरकार को समझ नहीं आ रहा है कि पहले वो क्या करे? 9-10 मई को आर्मी ठिकानों, हवाई अड्डों और जिन्ना हाउस पर हमला करने वाले इमरान खान के टाइगर्स से निपटे या गुलाम कश्मीर (पीओके) को भारत के हाथ में जाने से रोके।
पाकिस्तान सरकार की फजीहत- पहले 9-10 के हमलावरों से निपटें या गुलाम कश्मीर को बचाए
अपने आका चीन के कहने पर शहबाज़ सरकार ने आनन-फ़ानन में विलावल को गुलाम कश्मीर भेजने और तीन दिन तक वहीं रह कर G20 देशों की बैठक को वहीं से बैठकर देखने के निर्देश दिए हैं। पाकिस्तान की चिंता है कि अगर G20 शिखर सम्मेलन के प्रतिनिधियों ने भारत के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी पीओके उसके हाथ से निकल जाएगा। पिछले कई सालों से गुलाम कश्मीर और गिरगिट बालटिस्तान के लोग भारत में विलय को लेकर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। गिरगिट बालटिस्तान सहित जम्मू-कश्मीर के लोग नारे पाकिस्तान सरकार के कानों में पिघले हुए शीशे की मानिंद तकलीफ़ दे रहे हैं।
पाकिस्तानी फ़ौज और सरकार हरचंद कोशिश करते हैं कि गुलाम कश्मीर में हो रहे प्रदर्शन की ख़बरें इंटरनेशनल फ़ोरम पर न पहुँचे लेकिन अब तक सारी दुनिया जा चुकी है कि गुलाम कश्मीर पर पाकिस्तान का क़ब्ज़ा नाजायज है और इसको जितनी जल्दी हो भारत में अधिकारिक तौर पर मिल ही जाना चाहिए। इस बाबत भारत की तैयारियों का जायज़ा तो पिछले दिनों एलसीओ शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर की प्रेसवार्ता के दौरान मिल गया था। जब एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर एस जयशंकर ने कहा था कि G20 में पाकिस्तान है ही नहीं तो उसकी बात करना ही निरर्थक है, रहा सवाल कश्मीर का तो भारत उस पर बात करेगा और पाकिस्तान को यह बताना होगा कि वो हमारे उस हिस्से से अपना अनाधिकृत क़ब्ज़ा कब छोड़ रहा है।
G20 के मुद्दे पर भारत चीन को करारा जवाब देता रहा है। इस बार भी भारत ने चीन को करारा जवाब दिया है। भारत ने कहा है कि कश्मीर में ऐसा G20 जैसा आयोजन कराने के लिए चीन की रजामंदी की जरूरत नहीं। भारत आजाद मुल्क है और भारत को अपने देश के किसी भी हिस्से में ऐसे आयोजन कराने की पूरी आजादी है। हालांकि, अनुच्छेद 370 और धारा 35 खत्म होने के बाद अब कश्मीर पर कहने को कुछ नहीं बचा है, लेकिन उसे चिंता लद्दाख की ओर से है। लद्दाख भारत का केंद्र शासित प्रदेश बन जाने के बाद से तिब्बतियों को यह आशा जगी है कि एक दिन भारत उन्हें भी चीन के चंगुल से मुक्त कराएगा।इसके अलावा लद्दाख के अलग प्रदेश बन जाने के बाद से भारत की आक्रामकता में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। लद्दाख में तिब्बती धर्म गुरु का प्रवास भारत की दृढ़ता को दर्शाता है। चीन इस बात से जला-फुंका बैठा है। इसीलिए वो G20 की कश्मीर मीटिंग का विरोध कर रहा है, लेकिन इससे पाकिस्तान को कोई लाभ नहीं हो रहा बल्कि अंदेशा बढ़ गया है कि गुलाम कश्मीर (पीओके) उसके शिकंजे से फिसल रहा है।