नई दिल्ली। सरकार से बातचीत के बीच किसानों (Kisan Andolan) ने आज दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेताओं और सदस्यों ने मंगलवार सुबह से ही शांभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठक कर रणनीति बनाने शुरू कर दी।
इसी के तहत, कंक्रीट और भारी बैरिकेड्स तोड़ने के लिए किसान भारी बख्तरबंद मशीनों के साथ शांभू बॉर्डर पहुंच चुके हैं। बता दें कि 22 फरवरी को एसकेएम के नेतृत्व में किसानों के 500 संगठन अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए दिल्ली में मंथन करेंगे।
जाग उठा दिल्ली कूच का जुनून, प्रशासन सख्त
शांभू बॉर्डर पर दिल्ली कूच का जोश फिर से तेज हो गया है। सुबह सात बजे तक सीमा पर शांति थी, लेकिन जैसे-जैसे समय ग्यारह की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे उत्साह भी बढ़ रहा है। बड़ी संख्या में युवा शांभू बॉर्डर पहुंच चुके हैं और वे दिल्ली कूच की तैयारी में जुटे हुए हैं। वहीं, किसान नेता स्वर्ण सिंह पंढेर ने केंद्र सरकार से अपील की है कि किसानों को शांतिपूर्वक दिल्ली जाने दिया जाए। साथ ही उन्होंने शांभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों से अपनी सुरक्षा करने की भी अपील की।
बख्तरबंद बने भारी वाहन
नियमों के उलट किसानों ने भारी मशीनों को संशोधित कर बख्तरबंद बना दिया है। इन्हें लोहे की छड़ों से ढक दिया गया है। देखने के लिए केवल खिड़की के रूप में जगह रखी गई है। इसके अलावा, उन्हें पूरी तरह से सील कर दिया गया है, ताकि आंसू गैस के गोले गिरने पर भी गैस किसी भी तरह से उनके अंदर न जाए।
सरकार चौकसी पर, तैयारियां जोरों पर
राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज को किसानों के दिल्ली कूच की खबर दी गई है। कल विधानसभा सत्र के दौरान ही गृह मंत्री अनिल विज ने पुलिस महानिदेशक शत्रुजित कपूर और गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद के साथ बैठक की थी। बैठक के बाद गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री मनोहर को पुलिस द्वारा की जा रही तैयारियों की जानकारी दी।
आगामी तूफान के संकेत
22 फरवरी को एसकेएम के नेतृत्व में किसानों के 500 संगठन अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए दिल्ली में मंथन करेंगे। इस बैठक में आगामी आंदोलन की रूपरेखा तय करेगा। यह किसान आंदोलन किस मोड़ पर ले जाएगा, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा।