नई दिल्लीः पंजाब से दिल्लो चल के लिए निकले किसानों का आंदोलन अब लगातार बढ़ता जा रहा है। किसान किसी तरह दिल्ली बॉर्डर तक ना पहुंचे, इसके लिए हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। बीते दिन भी किसान और पुलिस के बीच नोकझोंक देखने को मिली। दूसरी तरफ भारत बंद का असर पंजाब, हरियाण और यूपी में सबसे ज्यादा देखने को मिला।
राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के आसपास की सड़कों पर किसानों ने चक्काजाम कर दिया, जिससे जरूरी काम से जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस बीच शनिवार यानी आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जहां बड़ी संख्या में किसान हिस्सा लेंगे। महापंचायत को देखते हुए कई हिस्सों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं को बंद रखने का फैसला लिया गया है।
यहां इंटरनेट सेवाएं रहेंगी बंद
किसान महापंचायत का आयोजन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किया जाना है। इस पंचायत से कई बड़े फैसले लिए जाने तय माने जा रहे हैं। दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन सहित सरकार की नजरें भी इस पंचायत पर टिकी हुई हैं। इसे देखते हुए कई जिलों में इंटरनेट सुविधा को बंद रखने का फैसला लिया गया है।
इसमें अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा समेत हरियाणा के सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सुविधाएं बंद रहेंगी। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने हरियाणा-पंजाब सीमा और राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश बिंदुओं पर भारी बैरिकेडिंग के बीच अपनी मांगों पर जोर देने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया।
इतने किसान संघ आंदोलन में ले रहा हिस्सा
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा सहित 200 से अधिक किसान संघ अपनी मांगें स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च में शामिल हैं। किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी के साथ-साथ किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराना, खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
लखीमपुर खीरी हिंसा, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली, और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले। केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बातचीत बेनतीजा रहने के एक दिन बाद शुक्रवार को हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, जब वे अंबाला के पास शंभू सीमा पर बैरिकेड्स की ओर बढ़े।