नई दिल्लीः प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के सामने पुलिस कस्टडी में माफिया अतीक अहमद की हत्या कर दी गई। उसके साथ छोटा भाई अशरफ भी शूटरों ने मार गिराया, जिसके बाद हर कोई हैरान रह गया। हत्या के साथ माफिया से नेता बने अतीक अहमद का गुंडागर्दी द्वारा खड़ा करा गया साम्राज्य भी खत्म हो गया।
हत्यारोपी तीनों शूटरों ने हथियार रखकर सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उन्हें अदालत से 14 की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। उधर सीएम सीएम योगी ने इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। हाई कोर्ट के पूर्व जज आयोग का नेतृत्व करेंगे और जांच रिपोर्ट 2 महीने में सौंपनी होगी।
इसके साथ ही कमिशनर ने एसआईटी से जांच कराने के लिए निर्देश दिए हैं। अब हर कोई जानना चाहता है कि कि माफिया और गुंडागर्दी का प्रतीक बन चुके अतीक अहमद के बुरे दिन कैसे शुरू हुए। कभी जिसकी प्रयागराज सहित पूरे पूर्वांचल में तूती बोलती थी वो अब सब दफन हो गई। वैसे तो अतीक अहमद का अतीत देखा जाए तो 100 से ज्यादा क्रिमिनल मामले दर्ज हैं, लेकिन राजूपाल हत्याकांड में ही उसे दोषी करार दिया जा चुका था।
- इस दिन से शुरू हुआ अतीक अहमद का काउंटडाउन
हर कोई जानना चाहता है कि अतीक अहमद के बुरे दिन कब से शुरू हुए। वैसे तो अतीक अहम सावरमती जेल में बंद था। अचानक प्रयागराज की सड़कों पर यानि थाने से करीब 300 मीटर दूर राजूपाल हत्या के मामले में मुख्य गवाह बने उमेश पाल को शूटरों ने मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस ने जब मामले की जांच की तो इसमें अतीक गैंग का नाम सामने आया, जिसमें बेटा असद मां और अतीक अहमद सहित 9 को आरोपी बनाया गया। उमेश पाल हत्याकांड इतना बड़ा मुद्दा बन गया कि विधानसभा में मुख्य विपक्षा दल समाजवादी पार्टी ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए जमकर हंगामा किया।
सदन में सीएम योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी बहस हो गई। अतीक अहमद सहित आरोपितों पर कार्रवाई नहीं करने के लिए अखिलेश यादव ने सरकार पर सवाल उठा दिए। इस दौरान सीएम योगी ने माफिया अतीक अहमद को सपा द्वारा पोषित बताया और कहा कि इसे हम मिट्टी में मिला देंगे। इसके अलावा भी जो माफिया हैं, उसे मिट्टी में मिलाने का काम हमारी जीरो लॉरेंस नीति करेगी।
उमेश पाल हत्याकांड बना अतीक के साम्राज्य का दुश्मन
24 फरवरी 2023 को रयागराज में दिनदहाड़े राजपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो अंग रक्षकों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने उमेश पाल की पत्नी ने अतीक, अशरफ, शाइस्ता समेत 9 लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कराया। इसके बाद यह मामला बहुत बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया।
इसके साथ ही उमेश पाल हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान की गई। पुलिस ने विजय चौधरी उर्फ उस्मान, अरबाज, अतीक के बेटे असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, साबिर, अरमान को पहचानते हुए कार्रवाई का सिलसिला शुरू किया।
फिर 27 फरवरी को अतीक अहमद के करीबी अरबाज को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। उमेश पाल की हत्या में शूटरों ने जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल किया गया था, उसे अरबाज ही ड्राइव कर रहा था।