नई दिल्ली- पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में शनिवार को हिंसा का सिलसिला पूरा दिन चलता हैं। 18 लोगों की मौत हो गई मत बेटियों में तोड़फोड़ की गई। और कई गांव में बम फेंके गए है। आगजनी की गई राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों का दौरा किया और कई जगहों पर जाकर लोगों से मिले। वह उत्तर 24 परगना में बम हमले में घायल हुए व्यक्ति के परिजनों से मिलने भी उनके घर पहुंचे थे।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव मैं देश में वह सब देखने को मिला जो पिछले कुछ दशकों में बीते जमाने की बातें हो गई थी। वोटिंग से ठीक पहले दहशतगर्दी का कुछ ऐसा आलम शुरू हुआ जो देर शाम बैलट बॉक्स फील होने तक अनवरत बना रहा राज्य में उत्तर से दक्षिण तक हिंसा,बम बाजी, गोलीबारी ,चाकूबाजी और आगजनी से वोटर्स भी भय के साए में आ गए। कई इलाकों में से तो वोटर्स घर से नहीं निकले।
शुक्रवार शाम से शनिवार तक 24 घंटे में 18 लोगों की जान चली गई। मरने वाले सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता बताए गए 50 से ज्यादा लोग घायल हो गये। हालांकि विपक्षी पार्टियों ने 30 से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका जताई है। जो आंकड़ा सामने आया है। उसके मुताबिक मरने वालों में सबसे ज्यादा 10 कार्यकर्ता सत्तारूढ़ दल टीएमसी पार्टी के हैं। इसके अलावा बीजेपी के तीन कांग्रेस के तीन और सीपीआईएम के दो कार्यकर्ताओं की जान गई है। हिंसा की ये वारदातें मुर्शिदाबाद कुछ बिहार पूर्वी बर्दवान मलाला ना दिया उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना में हुई है।
बंगाल में लोकतंत्र के पूर्व में गणतंत्र हावी होने का यह सिलसिला तब रहा जब पूरे राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती किए जाने के आदेश दिए गए। केंद्र और राज्य के 1. 35 लाख सुरक्षाबलों की तैनाती की गई। हालांकि अच्छी खबर यह है कि पूरे राज्य में शाम 5 बजे तक 66 परसेंट मतदान हुआ। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में मतदान प्रभावित हुआ है। नतीजे 11 जुलाई को आएंगे।
बता दें कि शनिवार सुबह जैसे ही राज्य के 74 हजार पंचायतों के चुनाव में वोटिंग शुरू हुई उससे पहले ही हिंसा का दौर शुरू हो गया था। पोलिंग बूथों पर मारपीट, बूथ लूटने और आगजनी करण करने की घटनाएं सामने आई। इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने सामने भीड़ ने और बवाल के दौरान पूरा दिन निकल गया।