नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2024-25 के तहत रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ELI) योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को सदस्यों के भविष्य निधि खाते के यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) को जल्द सक्रिय करने का निर्देश दिया था। इसकी अंतिम तिथि बुधवार 15 जनवरी है। सदस्यों के यूएएन को उनके बैंक खाते से लिंक करना होगा ताकि उन्हें सीधे सरकारी योजनाओं जैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का लाभ मिल सके। इसे आधार से जोड़कर सत्यापित करना होगा और केवाईसी (नो योर कस्टमर) पूरा करना होगा।वर्ष 2023-24 के बजट में लाई गई ईएलआई योजना के तहत सरकार ने एक साल में 2 करोड़ नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है। ये नौकरियां औपचारिक क्षेत्र में दी जानी हैं।
यूएएन क्या है और यह क्यों जरूरी है?
ईपीएफओ अपने सदस्यों को 12 अंकों का यूएएन जारी करता है। संगठन की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए इस विशिष्ट नंबर को सक्रिय करना आवश्यक है। इससे कर्मचारी ईपीएफओ की डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं, जैसे कि भविष्य निधि खाते का प्रबंधन, पासबुक देखना, निकासी और अग्रिम के लिए दावे दाखिल करना और दावों को ट्रैक करना। ऑनलाइन एक्टिवेशन कैसे करें – ईपीएफओ सदस्य पोर्टल पर जाएं। – ‘महत्वपूर्ण लिंक’ में ‘एक्टिवेट यूएएन’ पर क्लिक करें। – अपना यूएएन, आधार नंबर, नाम, जन्म तिथि, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर दर्ज करें। – आधार ओटीपी के जरिए वेरिफाई करें। – इसके बाद मोबाइल पर प्राप्त ऑथराइजेशन पिन और ओटीपी दर्ज करें। – एक्टिवेशन के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक पासवर्ड आएगा। ईपीएफओ ने वर्ष 2025 में कई ऐसी सेवाएं शुरू की हैं, जिससे कर्मचारियों को अपनी राशि निकालना आसान हो जाएगा।
पेंशन राशि निकाल सकते हैं
नई व्यवस्था के तहत अब कर्मचारी देश के किसी भी हिस्से में स्थित किसी भी बैंक से अपनी पेंशन राशि निकाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें अब अतिरिक्त सत्यापन की जरूरत नहीं होगी और वे रिटायरमेंट के बाद आसानी से अपने गृहनगर में शिफ्ट हो सकेंगे। इसके अलावा जल्द ही एटीएम के जरिए पीएफ की रकम निकालने की भी बात चल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईपीएफओ इसके लिए खास डेबिट कार्ड पर काम कर रहा है। ईपीएफओ के सामने कर्मचारी योगदान से जुड़े भी कुछ प्रस्ताव हैं। एक प्रस्ताव यह है कि कर्मचारी को जरूरत के हिसाब से अपने वेतन से पीएफ की रकम काटने का विकल्प मिलना चाहिए।
फंड में योगदान कर सकेंगे
मौजूदा व्यवस्था में यह मूल वेतन (₹15,000) पर 12 फीसदी की दर से कटता है। कहा जा रहा है कि इस सीमा में ढील देने से कर्मचारी अपनी जीवनशैली और भविष्य की योजनाओं के हिसाब से अपने रिटायरमेंट फंड में योगदान कर सकेंगे। दूसरा प्रस्ताव यह है कि कर्मचारियों को अपनी पेंशन की रकम एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) से परे इक्विटी में निवेश करने की आजादी मिलनी चाहिए। इससे वह बेहतर रिटर्न के लिए अपनी जोखिम लेने की क्षमता के हिसाब से निवेश कर सकेंगे।
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