नई दिल्ली: भारत के खिलाफ आने वाली टेस्ट सीरीज से कुछ ही हफ्ते पहले इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने एक बड़ा फैसला लिया है। टीम के दो अहम डेटा विश्लेषक, फ्रेडी वाइल्ड और नाथन लेमन को टीम से बाहर कर दिया गया है। ये दोनों ही टीम के लिए डेटा के जरिए रणनीतियां बनाने में अहम भूमिका निभाते थे।
क्या है वजह?
मुख्य कोच ब्रैंडन मैकुलम ने इस बदलाव के पीछे अपनी वजह रखी है। न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रैंडन का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट जैसे लंबे फॉर्मेट में अधिक डेटा पर निर्भर होना सही नहीं है। वे चाहते हैं कि खिलाड़ी अपनी अंतर्मन की सुनें और अधिक जिम्मेदारी खुद लें। उनका यह भी मानना है कि कम सहायक कर्मचारी होने से टीम का माहौल ज्यादा सरल और फोकस्ड रहेगा।
ब्रैंडन मैकुलम के अनुसार, डेटा विश्लेषण टी20 जैसे छोटे और तेज़ फॉर्मेट्स के लिए ज्यादा उपयुक्त होता है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ियों की अपनी समझ और अनुभव ज्यादा अहम होते हैं। इसलिए उन्होंने टीम से डेटा एक्सपर्ट्स को हटाने का फैसला किया।
यह कदम इंग्लैंड की उस सोच से बिल्कुल अलग है, जो भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ के समय में अपनाई गई थी। राहुल द्रविड़ की टीम में डेटा पर काफी भरोसा किया जाता था और विश्लेषक टीम की रणनीति में गहराई से जुड़े रहते थे। वहीं अब इंग्लैंड की टीम खिलाड़ियों को खुद की समझ और अंतर्मन पर भरोसा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
इंग्लैंड का नया टेस्ट चैंपियनशिप चक्र 20 जून से शुरू होने वाली पांच मैचों की सीरीज में भारत के खिलाफ हेडिंग्ले में खेलेगा। इस नई रणनीति के तहत देखना होगा कि क्या टीम को फायदा होगा या नहीं। ब्रैंडन मैकुलम का मानना है कि इससे खिलाड़ियों में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और मैच के दौरान टीम का माहौल शांत और व्यवस्थित रहेगा।
