PM Ujjwal Yojana केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत अब तक 10.33 करोड़ गरीब परिवारों को सब्सिडी वाली LPG गैस मिल रही है। देशभर में सक्रिय घरेलू LPG उपभोक्ताओं की संख्या 32.94 करोड़ हो गई है।
आज गुरुवार को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने लोकसभा को बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में LPG की कीमत जुलाई 2023 में 385 डॉलर प्रति मीट्रिक टन से बढ़कर फरवरी 2025 में 629 डॉलर हो गई है। इसके बावजूद सरकार ने उज्ज्वला उपभोक्ताओं के लिए घरेलू LPG की कीमत अगस्त 2023 में 903 रुपये से घटाकर फरवरी 2025 में 503 रुपये कर दी।
भारत अपनी घरेलू LPG जरूरतों का 60 फीसदी आयात करता है, इसलिए देश में LPG की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ी हुई हैं। फिलहाल दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडर की खुदरा कीमत 803 रुपये है। लेकिन उज्ज्वला योजना के तहत 300 रुपये की सब्सिडी के बाद यह सिलेंडर उज्ज्वला लाभार्थियों को 503 रुपये में मिल रहा है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई 2016 में गरीब परिवारों की महिलाओं को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी। पहले चरण में 8 करोड़ कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था, जो सितंबर 2019 में पूरा हो गया। इसके बाद उज्ज्वला 2.0 के तहत बाकी गरीब परिवारों को शामिल करने के लिए योजना का विस्तार किया गया। सरकार के प्रयासों से उज्ज्वला लाभार्थियों द्वारा गैस सिलेंडर की औसत खपत में बढ़ोतरी हुई है। 2019-20 में प्रति परिवार 3.01 सिलेंडर इस्तेमाल किए गए, जो 2024-25 में बढ़कर 4.43 हो गए हैं। साथ ही, देश में एलपीजी कवरेज 2016 के 62 प्रतिशत से बढ़कर अब लगभग सभी परिवारों तक पहुंच गया है।
सरकार एलपीजी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न
सरकार एलपीजी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रचार अभियान, पंजीकरण शिविर और ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से लोगों तक पहुंच रही है। अब तक सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 7,959 नए गैस वितरक नियुक्त किए हैं, जिनमें से 93 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।
एलपीजी के इस्तेमाल से गरीब परिवारों
एलपीजी के इस्तेमाल से गरीब परिवारों, खासकर महिलाओं को बहुत फायदा हुआ है। पहले महिलाएं खाना पकाने के लिए लकड़ी, गोबर और फसल के अवशेषों का इस्तेमाल करती थीं, जिससे घर में धुआं भर जाता था और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती थीं। अब एलपीजी ने घरों में धुआं कम कर दिया है, जिससे महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है। साथ ही, महिलाओं को अब ईंधन इकट्ठा करने में कम समय लगता है, जिससे उनके पास अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए समय बचता है।
एलपीजी के बढ़ते इस्तेमाल से वनों की कटाई भी कम हो रही है और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है। उज्ज्वला योजना ने न केवल गरीब परिवारों के जीवन को बदला है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बड़ा योगदान दिया है।










