Insurance Policy Claims: आज के समय ज्यादातर लोग बीमा पॉलिसी लेते हैं। अब लोग पॉलिसी लेने के बाद प्रीमियम भरते जाते हैं और सोचते हैं कि क्लेम मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। दरअसल पॉलिसी शर्तों के बारे में पता न होने पर, सही डक्यूमेंट न देने पर या क्लेम फॉर्म में जानकारी छूट जाने पर जैसी गलतियां होने पर बीमा क्लेम रिजेक्ट किया जा सकता है। इसके लिए नोटिस भी नहीं दिया जाएगा। आइए जानते हैं इससे किस तरीके से बचा जा सकता है।

क्योंकि रिजेक्ट होता है क्लेम?

आधी-अधूरी और गलत जानकारी देने पर

फॉर्म भरने के बाद बीमारी, पूर्व हालात, जीवनशैली या दूसरी जानकारी छिपाने पर बीमा कंपनी को लगता है कि धोखाधड़ी हो सकती है। फॉर्म में जो जानकारी दी जाती है वो क्लेम के आधार पर ही दी जाती हैं। हालांकि यह समस्या इतनी गंभीर भी हैं, लेकिन जब क्लेम करने का समय आता है तो बीमा कंपनी इन्हें गंभीर समस्या मानकर क्लेम को रिजेक्ट कर देती है।

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पॉलिसी एक्सक्लूजन

सभी पॉलिसी में आत्महत्या, कुछ गंभीर बीमारियां, कुछ खेल जैसी कुछ खास घटनाओं के लिए कवर नहीं दिया जाता है। इसे policy exclusions के नाम से जाना जाता है। अब अगर इस तरह का मामला पॉलिसी से जुड़ा है तो क्लेम को रिजेक्ट किया जा सकता है।

 

रीन्यूअल ना कराने पर या शर्तों को पूरा न करने पर

अगर समय पर प्रीमियम नहीं भरते हैं या पॉलिसी बंद हो चुकी है तो बीमा क्लेम रिजेक्ट किया जा सकता है। वहीं पॉलिसी के नियमों जैसे प्री-ऑथोराइजेशन रिपोर्ट, क्लेम सबमिशन टाइमलाइन को ध्यान में रखना चाहिए। वरना ये सब कारण बीमा क्लेम के रिजेक्ट होने की वजह बन सकते हैं।

डॉक्यूमेंट के गलत होने पर या गलती होने पर

अगर पॉलिसी से जुड़े डॉक्यूमेंट जैसे क्लेम फॉर्म, अस्पताल की रिपोर्ट, डिस्चार्ज सर्टिफिकेट, पुलिस रिपोर्ट, बिल या रसीदें आधी-अधूरी या गलत हैं तो बीमा कंपनी क्लेम को रिजेक्ट किया जा सकता है। इसलिए सभी डॉक्यूमेंट का सही होना जरूरी है।

धोखाधड़ी या गलत जानकारी देने पर

अगर आप क्लेम फॉर्म में गलत जानकारी देते हैं या कुछ जानकारी छिपा लेते हैं तो बीमा कंपनी क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है।

पॉलिसी की शर्तों को ठीक से न समझने पर

अगर पॉलिसी की शर्तों को ठीक से नहीं समझते हैं तो बीमा कंपनी क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है।

पॉलिसी रिजेक्ट होने पर क्या करना चाहिए?

अगर बीमा क्लेम रिजेक्ट हो जाता है तो उसके कारण को समझें। आप फोन करके या लिखित में क्लेम रिजेक्ट होने वजह जान सकते हैं। वजह जानकर उसे ठीक करें और दोबारा क्लेम करें।

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ये जरूरी बातें याद रखें

क्लेम फॉर्म को भरने से पहले पॉलिसी की टर्म्स और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

हर साल प्रीमियम समय से भरें।

फॉर्म में जानकारी और दस्तावेज सही दर्ज करें।

अगर कोई दिक्कत हो तो इंश्योरर के हेल्पडेस्क या हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

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