RBI Update: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा फैसला लेते हुए लखनऊ स्थित HPL को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। केंद्रीय बैंक के इस फैसले से बैंक के सभी जमाकर्ता प्रभावित होंगे। RBI के मुताबिक बैंक में पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाओं की कमी के चलते यह फैसला लिया गया है।
इस फैसले के चलते HPL को-ऑपरेटिव बैंक ने 21 मई की शाम से अपने सभी कामकाज बंद कर दिए हैं। अगर आपका पैसा इस बैंक में जमा है तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
बैंकिंग नियमों का पालन करने में विफल
RBI ने स्पष्ट किया है कि HPL को-ऑपरेटिव बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के कुछ प्रावधानों का पालन करने में पूरी तरह विफल रहा है। केंद्रीय बैंक के मुताबिक ऐसी स्थिति में बैंक का संचालन जारी रखना उसके जमाकर्ताओं के हित में नहीं है। लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक पर तत्काल प्रभाव से जमा और निकासी समेत सभी बैंकिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। इससे बैंक के सभी खाताधारकों को अपनी जमा राशि को लेकर चिंता हो सकती है, लेकिन आरबीआई ने इसके लिए भी व्यवस्था की है।
परिसमापक नियुक्त करने का प्रस्ताव
भारतीय रिजर्व बैंक ने उत्तर प्रदेश राज्य के सहकारिता आयुक्त एवं रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने तथा परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। परिसमापक बैंक की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करने तथा जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस दिलाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जिम्मेदार होगा। इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन जमाकर्ताओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जमा बीमा के जरिए उनका पैसा सुरक्षित है।
जमा बीमा से मिलेगी राहत
बैंक के जमाकर्ताओं के लिए राहत की बात यह है कि परिसमापन की स्थिति में प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर बीमा दावा प्राप्त करने का हकदार होगा। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार बैंक के 98.69 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी पूरी जमा राशि वापस पाने के हकदार होंगे। यह भी उल्लेखनीय है कि 31 जनवरी 2025 तक DICGC जमाकर्ताओं को 21.24 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है।
बैंक डूबने पर कितनी राशि मिलेगी?
किसी भी बैंक के डूबने या दिवालिया होने की स्थिति में जमाकर्ताओं के पास एकमात्र सुरक्षा जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम द्वारा प्रदान किया जाने वाला बीमा कवर है। वर्तमान में यह बीमा कवर अधिकतम 5 लाख रुपये तक प्रदान किया जाता है। यह जानना जरूरी है कि एक ही बैंक में अपने सभी खातों को मिलाकर, चाहे जमा राशि कितनी भी हो, आपको केवल 5 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा। इस राशि में मूलधन और ब्याज दोनों शामिल हैं।
जमाकर्ताओं के लिए सावधानियां
इस स्थिति में जमाकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे घबराएं नहीं। अगर आपकी जमा राशि 5 लाख रुपये से कम है, तो आपको पूरी राशि मिलेगी। अगर जमा राशि अधिक है, तो बैंक की संपत्तियों के निपटान के बाद शेष राशि प्राथमिकता के आधार पर वितरित की जाएगी। जमाकर्ताओं को RBI और DICGC द्वारा जारी की गई सूचनाओं पर नजर रखनी चाहिए और अपने दस्तावेज तैयार रखने चाहिए। किसी भी प्रकार की अफवाह या अनधिकृत जानकारी से बचें और केवल आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करें।
