नई दिल्ली : जरूरत के चलते लोग इस स्मार्टफोन को हर जगह कैरी करते हैं। वही कई बार ऐसा देखा जाता है, लोगों का अक्सर स्मार्टफोन जमीन पर गिर जाता है जिससे इसमें कोई खराबी होना लगभग तय मानी जाती है। ऐसे में कंपनियों पहले से ही कई टेस्टिंग के प्रोसेस से गुजारती है। OPPO ने हाल ही में लॉन्च की अपनी Reno 8 Series को लेकर दावा किया था कि सीरीज के अंदर आने वाले फोन काफी मजबूत हैं। तो चलिए कंपनी अपने फोन को कैसे मजबूती प्रदान करती है इसके बारे में जानते हैं।
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कंपनी का दावा है कि Reno 8 Series के साथ-साथ अन्य ओप्पो फोन पर किए किस तरह ड्यूरेबिलिटी और क्वालिटी टेस्ट किए जाते हैं। ओप्पो की रेनो 8 डिवाइस पर इसकी Qi Reliability लैब में गहन लैब टेस्ट किए गए हैं।
ड्रॉप टेस्ट- इन स्मार्टफोन को 300 से ज्यादा स्ट्रॉग टेस्टिंग किया गया है, जिनमें ड्रॉप टेस्ट शामिल है, जो 28,000 बार माइक्रो ड्रॉप टेस्ट को सिमुलेट करता है। हालांकि, आम तौर से इंडस्ट्री में 5,000-10,000 बार का टेस्ट किया जाता है।
टेस्ट एक्सीडेंटल ड्रॉप टेस्ट- दूसरा टेस्ट एक्सीडेंटल ड्रॉप टेस्ट है, जिसमें 1.5 मीटर तक विभिन्न ऊंचाइयों से फ्री-फॉल की जाँच की जाती है, जो इडस्ट्री स्टेडंर्ड 0.8 मीटर के टेस्ट से 80 प्रतिशत ज्यादा है। ये प्रोसेस फोन को इसकी सभी छः सतहों, आठ कोनों और 12 किनारों पर गिरा कर 12 से 24 बार की जाती हैं।
भारी बारिश टेस्ट- वही कंपनी का कहना है कि ड्रॉप टेस्ट की तरह ही कंपनी ने ओप्पो रेनो 8 सीरीज की दोनों डिवाइस का 10±0.5 L/min की ‘‘भारी बारिश’’ के लिए भी टेस्ट किया जाता है।
वही इस टेस्ट को लेकर कंपनी का कहना है कि इस टेस्ट में फोन की चारों सतहों पर 75 डिग्री के कोण से पानी की बौछार की जाती है। फोन पर वीडियो चलाते हुए या वॉइस कॉल करते हुए भी इसी तरह से फोन को टेस्ट किया गया।
उच्च तापमान टेस्ट- वही कंपनी का कहना है कि इसके अलावा ओप्पो ने अपनी डिवाइस को माइनस 50 डिग्री सेल्सियस के अत्यधिक कम और 75 डिग्री सेल्सियस के अत्यधिक उच्च तापमान पर एक हफ्ते तक रखकर देखा, जो उद्योग में तीन दिनों के मानक के मुकाबले बहुत ज्यादा है।