नई दिल्ली: Artificial Eyes For Blinds: काफी लंबे समय से वैज्ञानिक अंधे लोगों का इलाज खोज रहे हैं और इसके लिए वे लगातार रिसर्च कर रहे हैं। वैसे अभीतक कई सारे रिजल्ट सामने आए, लेकिन वो इतने मददगार शाबित नहीं हुए। पर अब मोनाश यूनिवर्सिटी की टीम ने दावा किया है कि उन्होंने एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जिसके माध्यम से अंधे लोग दोबारा देख पाएंगे। दरअसल उन्होंने दुनिया की पहली बायोनिक आंख बना ली है।
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बन चुकी है बायोनिक आंख
‘जेनारिस बायोनिक विजन सिस्टम’ नामक बायोनिक आंख को डेवलप करने का काम एक दशक से हो रहा है। यह अंधे लोगों को देखने में मदद करेगी। हालांकि यूजर को एक कस्टम-डिज़ाइन किया गया हेडगियर पहनना होगा, जिसमें कैमरा और एक वायरलेस ट्रांसमीटर फिट होगा।
मोनाश विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर सिस्टम इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर आर्थर लोरी ने जानकारी दी कि, हमारा डिज़ाइन प्रकाश के 172 स्थानों (फॉस्फीन) के संयोजन से एक विजन पैटर्न बनाता है जो व्यक्ति को घर के अंदर और बाहर नेविगेट करने के लिए जानकारी देता है जिससे लोग वातावरण, और उनके आस-पास लोगों और वस्तुओं के होने को समझ सकेंगे। साथ ही रिसर्चर लिंब पैरालिसिस, क्वाड्रिप्लेजिया जैसी लाइलाज न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस से परेशान लोगों की मदद के लिए अपने सिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए सोच रहे हैं।
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इसमें सफलता मिलने के बाद एमवीजी [मोनाश विजन ग्रुप] टीम अब पूरा ध्यान एक नया कॉमर्शियल एंटरप्राइज बनाने पर लगाएगी। इससे अंधे लोगों को देखने की क्षमता दी जा सकेगी और क्वाड्रिप्लेजिया से लकवाग्रस्त लोगों की बाहों को गति प्रदान करेगा।