नई दिल्ली: होली का पावन उत्सव बस कुछ दिनों की दूरी पर है। वही हर घर में इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। हर बार लोगो को कैमिकल से बने रंगों से होली न खेलने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर्स भी नेचुरल रंगों से इस उत्सव को मनाने की बात कहते है। लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग कैमिकल से बने रंगों का ही प्रयोग करते है। हमें यह समझना जरूरी है कि इन रंगों की वजह से स्किन, आंख और शरीर के दूसरे ऑर्गन के स्वास्थ्य को बिगाड़ता है।
अस्थमा में रहे सावधान
अगर आपको अस्थमा से जुड़ी समस्या है, तो आपको इन रंगों से दूर रहना चाहिए। इस तरह के केमिकल रंगों की वजह से रंग सास के नली में जा कर आपका इन्फेक्शन बढ़ा देता है। इसकी वजह से अस्थमैटिक अटैक आने का खतरा पड़ सकता है।
फंगल इन्फेक्शन का खतरा
जिन लोगो को फंगल इन्फेक्शन शरीर पर हो जाता है, उन्हें इन केमिकल रंगों से सावधान रहना चाहिए। इसमें स्किन में खुजली, जलन, रेड रेशेज जैसी परेशानी होती है, जो के इन कैमिकल रंगों से बढ़ सकता है।
सोरायसिस में बढ़ सकती है परेशानी
त्वचा से जुड़ी गंभीर परेशानियों में से एक है। सोरायसिस इस रोग में व्यक्ति के त्वचा पर हो जाते हैं। अगर आप होली के उत्सव में केमिकल रंगों को खेलने की सोच रहे हैं तो इस अचार को त्याग दें क्योंकि ऐसा करने से आपकी यह समस्या और गंभीर तौर पर बढ़ सकती है।
दाद जैसे समस्याओं से को जाएंगे परेशान
बैक्टीरियल इंफेक्शन के रूप में दाद को माना जाता है। यदि आपको दाद जैसी समस्या है तो भूलकर भी होली में रंगों से न खेले। हरपीज जोस्टर के कारण दाद जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। डॉक्टरों का ऐसा मानना है कि होली खेलने के दौरान दाद छिल जाते हैं। अगर किसी जगह पर तेजी से दाद फैल रहा है तो आगे चलकर यह एक गंभीर समस्या बन सकती है।