नई दिल्ली : बॉलीवुड में साल दर साल फिल्मों का आना और जाना लगा रहता है। हर साल कुछ फिल्में हिट होती है तो कुछ फ्लॉप होती है। लेकिन कुछ फिल्में ऐसी भी होती है जो विवाद के चलते काफी लोकप्रिय हो जाती हैं। इन दिनों बॉलीवुड फिल्म 72 हूरें (72 Hoorain ) काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। फिल्म लगातार विवाद में चल रही है। कभी फिल्म के सीन को लेकर तो कभी फिल्म के डायलॉग को लेकर खबरें सामने आ रही है।
ऐसे में आज हम आपको फिल्म के उन सबसे मशहूर और विवादित 10 डायलॉग के बारे में बताने वाले हैं जिनकी वजह से विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस फिल्म का पहला डायलॉग है, ‘हुरे समझते हो क्या होती है? कुंवारी अनछुई हुरे वह भी एक नहीं दो नहीं 72 हूरें’।
इस फिल्म का दूसरा डायलॉग है। ‘भाई तू तो बड़ा धमाके बाज निकला’। इसका तीसरा डायलॉग है, ‘हकीम भाई वह तो वक्त पर बम नहीं फूटा वरना गेट में से बड़ा धमाका होता’ और इस फिल्म का चौथा डायलॉग है, ‘मौलवी साहब ने हुरे के जो कपड़े बयान किए हैं बलवा हो जाना है यहाँ तो ।’
72 हूरें का डायलॉग नं.5 ,’इस पवित्र मिट्टी में दफ़न होने लायक ही नहीं ये लोग, इन ह&मजादों का कोई मकबरा बना देगा। इनकी लाशों को समंदर में फेंक दूंगा।;’ 72 हूरें का डायलॉग नं. 6 ,’सुन ओए काके, धमाके में 31 काफिर मारे हैं मैंने, वह सब जाया हो जाएगा।’ डायलॉग नं. 7 ये ‘अजाम है हमारा कुरान का अज़ाम’
72 हूरें का डायलॉग नं.8 ‘हमने अल्लाह की रजा के लिए जान दी है, शहीद हुए हैं हम।’ डायलॉग नं.9 , ‘तुम वो खुशनसीब हो, जिसे अल्लाह ताला ने इस ईनाम के लिए चुना है।’ इसका आखरी डायलॉग है। ‘तुमने जो नेकी का और जिहाद का रास्ता चुना है, वो रास्ता तुम लोगों को सीधा जन्नत की ओर ले जाएगा। शहादत के बाद जब जन्नत में आंखें खोलोगे तो अपने आपको हूरों के आगोश में पाओगे।”