SBI: यह शुरू किया जा चुका है। हर कोई नए वित्त वर्ष में टैक्स बचत की योजना बनाने में जुट गया है, खासकर वेतनभोगी वर्ग के लिए। टैक्स बचत के लिए कई विकल्प मौजूद हैं.
इनमें बैंक एफडी, पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं, ईएलएसएस वेतनभोगी कर्मचारियों के बीच कुछ लोकप्रिय विकल्प हैं, जहां न केवल निवेश पर टैक्स की बचत होती है, बल्कि परिपक्वता पर एक अच्छा कोष भी बनता है। आज हम बात करेंगे बैंक एफडी के बारे में.
यह एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसमें 5 साल तक जमा करने पर न सिर्फ अच्छा ब्याज मिलता है बल्कि 1.5 लाख रुपये तक टैक्स कटौती का लाभ भी मिलता है. यहां हम देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में 5 साल के लिए 5 लाख रुपये जमा पर कमाई और टैक्स बचत का विवरण समझते हैं।
एसबीआई में 5 साल के टर्म डिपॉजिट पर नियमित ग्राहकों को 6.5 फीसदी सालाना ब्याज (SBI FD ब्याज दर 2024) मिल रहा है. अगर ग्राहक ने 5 साल के लिए 5 लाख रुपये जमा किए हैं तो मैच्योरिटी पर 6,90,209 रुपये की निश्चित आय होगी. इस तरह आपको ब्याज से 1,90,209 रुपये की कमाई होगी.
वहीं, एसबीआई वरिष्ठ नागरिकों को 5 साल की जमा पर 7.50 फीसदी सालाना ब्याज ऑफर कर रहा है. अगर किसी वरिष्ठ नागरिक ने 5 साल के लिए 5 लाख रुपये जमा किए हैं तो मैच्योरिटी पर निश्चित आय 7,24,974 रुपये होगी. इस तरह आपको ब्याज से 2,24,974 रुपये की कमाई होगी. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि वरिष्ठ नागरिकों को एसबीआई वी-केयर डिपॉजिट स्कीम के तहत 5 साल की जमा पर 0.50 फीसदी अतिरिक्त ब्याज मिलता है।
SBI: कितना बचेगा टैक्स?
एसबीआई या किसी भी बैंक में 5 साल के लिए टर्म डिपॉजिट करने पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का दावा किया जा सकता है। हालाँकि, यह जान लें कि 80सी में टैक्स बचत का लाभ केवल पुरानी कर व्यवस्था में ही करदाता उठा सकते हैं। हालांकि, यह भी जान लें कि एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है।
इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, अगर एक वित्त वर्ष में FD/TD पर मिलने वाला ब्याज 40,000 रुपये से ज्यादा है तो TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) काटा जाता है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है. यदि किसी व्यक्ति की आय कर योग्य सीमा से कम है, तो उसे फॉर्म 15जी और 15एच भरना होगा और बैंक से एफडी/टीडी पर टीडीएस नहीं काटने का अनुरोध करना होगा।
फॉर्म 15G उन लोगों के लिए है जिनकी उम्र 60 साल से कम है. 60 साल तक के करदाताओं के लिए टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है. वहीं, फॉर्म 15H 60 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये है. वहीं, अगर सुपर सीनियर सिटीजन यानी करदाता की उम्र 80 साल से ज्यादा है तो 5 लाख रुपये तक की आय आयकर के दायरे से बाहर है. हालांकि, अति वरिष्ठ नागरिकों को भी 15H भरना होगा और बैंक को सूचित करना होगा।
बैंक एफडी: निश्चित आय के लिए अच्छा विकल्प
बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) एक ऐसी योजना है जिसमें निवेशक बाजार जोखिम उठाए बिना एक निश्चित आय अर्जित कर सकता है। इसमें निवेशकों को जमा के समय मिलने वाले ब्याज के बारे में जानकारी दी जाती है, इसलिए एक निश्चित अवधि के भीतर एकमुश्त राशि बनाना एक अच्छा विकल्प है। बैंक समय-समय पर विभिन्न परिपक्वता अवधि की ब्याज दरों की समीक्षा करते हैं और उन्हें बढ़ाते या घटाते हैं।