नई दिल्ली Government Plan: भारत की दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानि कि ट्राई अपने डू-नॉट-डिस्टर्ब ऐप में मौजूद कमियों को दूर में लगा है। जिससे कि मोबाइल फोन ग्राहकों को स्पैम कॉल और मैसेज का फौरन पता लगाने में सहायता मिल सके।
ट्राई के सचिव वी रघुनंदन ने इस मंगलवार को टूकॉलर के एक कार्यक्रम में कहा कि दूरसंचार नियामक उपभोक्ताओं के समक्ष आने वाली समस्या के समाधान के लिए डीएनडी ऐप में मौजूद टेक्नोलॉजी की कमियों को मजबूत करने में लगा हुआ है।
ऐप की कमियों को दूर करने में किया जा रहा प्रयास
रघुनंदन ने कहा, हमने एक एजेंसी को अपने साथ ऐड किया है जो कि इस ऐप की कमियों को दूर किया जा रहा है। कुछ एड्रॉयड उपकरणों के साथ सभी समस्याएं थी जिनको काफी हद तक दूर किया गया है। हम मार्च महीने तक इस ऐप को सभी एड्रॉयड फोन के अनुकुल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
जब मोबाइल ग्राहक अपने फोन पर आने वाली स्पैम कॉल और SMS को चिन्हिंत करने का प्रयास करते हें तो ट्राई के DNP ऐप में कमियों पर नजर आ रही है।
स्पैम कॉल और एसएमएस की संख्या में कमी
बहराल ट्राई सचिव ने कहा कि इस ऐप में सुधार के साथ ग्राहकों के फोन पर स्पैम कॉल और मैसेज की संख्या में कमी देखी गई है। बहराल आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल ने डीएनडी ऐप को कॉल विवरण तक पहुंच देने से इनकार कर दिया था।
लेकिन रघुनंदन ने कहा कि इस ऐप को एप्पल के IOS उपकरणों के अनुकूल भी ढ़ालने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि पब्लिक या सरकारी क्षेत्र की कोई भी एक एजेंसी देश में सेफ्टी के सभी पहलुओ का ध्यान नहीं रख सकती हैं।
अवाज में की क्लोजिंग
ऐसे में रणनीतिक सार्वजनिक निजी भागीदारी के साथ में सहयोगात्मक नजरिया अपने की आवश्यकता है। इस मौके पर अनजान नंबर को चिन्हिंत करने में सहायक ऐप ट्रूकॉलर के मुख्य अधिकारी एलेन मामदी ने कहा कि देश में 27 करोड़ लोग इस ऐप का इस्तेाल कर रहे हैं।
देश में हर रोज प्लेटफॉर्म के द्वारा 50 लाख स्पैम कॉल की जानकारी मिलती है। इसके साथ में ही उन्होंने कहा कि अब अवाज की क्लोजिंग या हेराफेरी के द्वारा जाने वाली गड़बड़ियों को लिस्टेड किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले बुजुर्ग लोग डिजिटल फ्रॉड के सबसे ज्यादा शिकार होते थे। लेकिन अब कम आयु के लोग भी इसका शिकार बन रहे हैं।