नई दिल्ली Savings Account: मौजूदा समय में बैंक ग्राहक अपने सेविंग खाते से पैसा निकाल कर एफडी में निवेश कर रहे हैं। ये इसलिए है क्यों कि इस समय सेविंग खाते और एफडी निवेशकी ब्याज दर का फर्क तीन साल के सबसे ऊपर पहुंच गया है। इस कदम से बैंकों के लिए काफी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है, क्यों कि उनकी जमा की लागत में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है।
वहीं बीते 3 सालों से सेविंग खाते पर मिलने वाली ब्याज दरों में किसी भी तरह का कोई इजाफा नहीं हुआ है लेकिन बैंको ने अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए बैंकों को एफडी पर ब्याज दर में काफी इजाफि किया है। वहीं उदाहरण से तौर पर एसबीआई ने साल 2020 से जहां पर सेविंग खाते पर 2.7 फीसदी से 3 फीसदी ब्याज देता है।
इसे भी पढ़ें- Nirahua की छाती पर KISS करती दिखीं Sanchita Banerjee, Amrapali के फैंस में मचा बवाल
वहीं आईसीआईसीआई बैंक के कार्यकारी निदेशक संदीप बत्रा नेकहा कि एफडी की ब्याज दरों को बढ़ाना स्वाभाविक है, क्यों कि पहले इन दोनों दरों में अंतर काफी कम था। ब्याज दरों के बढ़ने से ग्राहक एफडी की ओर जा रहे हैं। बत्रा ने उदाहरण के तौर पर कहा कि बीते साल उनके बैंक खाते और सेविंग खाते में 9 फीसदी की बढ़ोतरी रही, वहीं एफडी पर 25.8 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। ग्राहकों की अधिक ब्याज पाने के प्रयास केचलते 3 महीने की सेविंग खाते की बढ़ोतरी दर मात्र 6.6 फीसदी रही है। वहीं चालू खाते में वृद्धि 14.8 फीसदी रही है।
इसे भी पढ़ें- Team India: कोहली-रोहित के बिना वेस्टइंडीज से सीरीज जीतना मुश्किल, पहले टी20 मैच में खुल गई टीम इंडिया की पोल
RBI के आंकड़े के अनुसार, सेविंग खाते और एफडी की ब्याज दरों में तीन साल का अंतर के उच्च स्तर पर 260 बीएसपी पर पहुंच गया है। फाइनेंशियल ईयर 2022 में ये फर्क 220 और फाइनेंशियल ईयर 2021 में 230 बीपीएस था।
IDFC फर्स्ट बैंक और पीएनबी बैंक में भी चालू खाते और सेविंग खाते के मुकाबले एफडी में जमा का फर्क तेजी से बढ़ रहा है। IDFC फर्स्ट बैंक के पास सेविंग और चालू खाते में पड़ी रकम बीते साल के 50 फीसदी के मुकाबले इस साल 46.5 फीसदी रही है जबकि एफडी में बढ़ोतरी दर साल के 27 साल के मुकाबले 66 फीसदी रही है।