Mukhyamantri Khet Suraksha Yojana: सुरक्षित फसल उत्पादन के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत सरकार किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के सुरक्षा उपकरणों की खरीद और सुरक्षा व्यवस्था के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है. इस बीच उत्तर प्रदेश में किसानों को आवारा जानवरों और जंगली जानवरों से भी जूझना पड़ रहा है. इन दिनों किसानों को अपनी रबी सीजन की गेहूं, सरसों, चना, मटर और मसूर जैसी फसलों को आवारा जानवरों से बचाना मुश्किल हो रहा है.
राज्य में किसानों की इस सबसे बड़ी समस्या के समाधान के लिए सरकार ने सोलर फेंसिंग का प्रावधान किया है, जिसके लिए सरकार ने 2024-25 के बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया है. इस राशि के तहत आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए किसानों के खेतों में सोलर फेंसिंग कराई जाएगी. हालांकि, सोलर फेंसिंग के लिए आवंटित यह रकम पर्याप्त नहीं बताई जा रही है, क्योंकि किसान पिछले एक साल से इस योजना का इंतजार कर रहे थे.
जानिए योजना क्या है?
राज्य में कुल 160.95 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि की जाती है. यहां मुख्य रूप से गेहूं, सरसों, चना, मटर और मसूर आदि फसलें किसानों द्वारा उत्पादित की जाती हैं. हालाँकि, राज्य में किसानों को फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इनमें किसानों की सबसे बड़ी समस्या आवारा पशुओं और जंगली जानवरों की है. राज्य में हर फसल सीजन में किसानों को इनसे भारी नुकसान उठाना पड़ता है.
किसानों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक सुरक्षा योजना की शुरुआत की. इस योजना के तहत किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए खेतों की बाड़ लगाने के लिए सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है. इस योजना में छोटे एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाती है. खेतों को सोलर फेंसिंग से घेरने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर लागत पर 60 फीसदी या अधिकतम 1.43 लाख रुपये की सब्सिडी का लाभ मिलता है.
ऐसे होगी खेतों की सुरक्षा
दरअसल, खेतों की सुरक्षा के लिए खेतों को 12 वोल्ट करंट वाले सोलर फेंसिंग बाड़ से घेरा गया है. सोलर फेंसिंग से बाड़ में सौर ऊर्जा के माध्यम से 12 वोल्ट का करंट निकलता है, जिसके संपर्क में आने से जानवरों और जंगली जानवरों को हल्का झटका ही लगता है और सोलर फेंसिंग में लगा सायरन भी बजने लगता है, जिससे जानवर डरकर दूर भाग जाते हैं और बाड़ में प्रवाहित होने वाली 12 वोल्ट की सौर ऊर्जा धारा एक प्रकार की चेतावनी धारा है, जिससे जानवरों को कोई नुकसान नहीं होता है.
इसका जानवरों पर केवल मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है. सोलर फेंसिंग के कारण एक-दो बार बिजली का झटका लगने के बाद मवेशी या जंगली जानवर दोबारा उस खेत की ओर नहीं आते हैं और किसानों के खेतों में लगी फसलें जानवरों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना सुरक्षित रहती हैं.