नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इस समय लक्षद्वीप और मालदीव के बीच जंग छिड़ी हुई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा के बाद से ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है।
पीएम मोदी के दौरे के बाद से लक्षद्वीप गूगल सर्च इंजन पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने लगा है। पीएम मोदी ने लक्षद्वीप दौरे के दौरान लिखा था – पिछले 9 वर्षों में हमने लक्षद्वीप की प्रगति को बढ़ाने के लिए काम किया है और हमारे संकल्प को केवल स्ट्रोनगर मिला है!
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी खूबसूरत तस्वीरों के साथ लक्षद्वीप घूमने के लिए लोगों से आमंत्रण दिया है, जिससे सोशल मीडिया पर छिड़ी है बहस। अभी भी प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप भ्रमण की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी ही तेजी से वायरल हो रही हैं।
For those who wish to embrace the adventurer in them, Lakshadweep has to be on your list.
During my stay, I also tried snorkelling – what an exhilarating experience it was! pic.twitter.com/rikUTGlFN7
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2024
मालदीव Vs लक्षद्वीप में बढ़ती जा रही टक्कर
मालदीव के नेताओं ने पीएम मोदी के खिलाफ विवादित बयान दे दिया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड हो रहा है। मालदीव और लक्षद्वीप के बीच बहस बढ़ती ही चली जा रही है।
मालदीव की इकोनॉमी और टूरिज्म का जादू
मालदीव की इकोनॉमी मछली पालन और टूरिज्म पर निर्भर है, जिसमें टूरिज्म का हिस्सा 28% है और विदेशी आमदनी में 60% योगदान है। मालदीव का सुंदर दृश्य, खासीयत से भरा द्वीप राष्ट्र हर साल लाखों के टूरिस्ट्स को आकर्षित करता है।
भारतीय पर्यटकों की भारी संख्या
मालदीव में आने वाले पर्यटकों में भारतीयों की सबसे ज्यादा संख्या है, जो साल 2023 में 209,198 रही। इससे मालदीव की इकोनॉमी को बड़ा झटका हो सकता है, जब लोग मालदीव नहीं बल्कि लक्षद्वीप जानना शुरू कर देंगे। आपने देखा होगा कि ज्यादा सेलिब्रिटी मालदीव ही जाना पसंद करते हैं।
मालदीव की अर्थव्यवस्था में भारतीय टूरिस्ट का बड़ा रोल
पीएम मोदी की इस पहल से मालदीव को बड़ा झटका हो सकता है, और इसका सीधा प्रभाव मालदीव की इकोनॉमी पर हो सकता है। लोगों की नाराजगी और #BoycottMaldives का ट्रेंड इसे और भी कठिनीयों का सामना करने पर मजबूर कर सकता है।