नई दिल्ली: Ashwagandha Farming Business. अगर आप लाखों रुपए का कमाई का सपना देख रहे हैं, तो आपके लिए जरूरी नहीं है कि बड़े छोटे बड़े शहरों में जाकर यहां पर बिजनेस शुरू करें। आप गांव में रहकर भी खेतों में ऐसी फसल को उगा सकते हैं। जिससे आपको मोटा कमाई के साथ करोड़पति बनने का सपना पूरा हो सकता है।
दरअसल इन दोनों खेती के सारे सिर्फ जीविका का जरिया नहीं रह गया है। शिक्षित लोग नई तकनीक के साथ में खेत में फसल को उगा रहे हैं और मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। देश में किसान परंपरागत फसलों छोड़कर मेडिसिन प्लांट की खेती करने लग गए हैं। जिससे मोटी कमाई तो होती है बल्कि आपको समय पर फसल बिक जाती है और घर बैठे मोटा मुनाफा हो जाता है।
अश्वगंधा खेती बना देगी करोड़पति
आज हम मेडिसिन प्लांट फार्मिंग के तहत अश्वगंधा खेती के बारे में बता रहे हैं। देश के ऐसे कई राज्य हैं। जहां पर अश्वगंधा खेती की जाती है। जिससे हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, केरल, गुजरात जैसे राज्यों में बंपर तरीके खेती की जा रही है। अश्वगंधा खेती से किसानों को धान, गेहूं और मक्का की खेती के मुकाबले 50 फीसदी अधिक कमाई होती है।
ऐसे होती है अश्वगंधा की खेती
दरअसल आप को बता दें कि, अश्वगंधा की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 10 से 12 किलो बीज की जरूरत होती है, तो वही अश्वगंधा बुवाई में एक तो कतार विधि अपनाई जाती हैं, जिसमें इसमें पौधे से पौधे की दूरी 5 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 20 सेंटीमीटर रखी जाती है, इसकेदूसरी विधि में छिड़काव विधि से अश्वगंधा की अच्छी तरीके से होती है। हल्की जुताई कर खेत में रेट का छिड़काव किया जाता है। 1 मीटर में 40 पौधे लगाए जाते हैं।
फसल की कटाई की बात करें को अश्वगंधा की कटाई जनवरी से लेकर मार्च तक होती है, जिसमें अश्वगंधा के जड़ को छोटे-छोटे टुकड़े में काटा जाता है और इसे सुखाकर रखा जाता है। ध्यान देने वाली बात यह हैं कि अश्वगंधा बीज और फूल को सुखाकर अलग कर लिया जाता है।
अश्वगंधा एक मेडिसिन प्लांट है, जिससे कई प्रकार के जड़ी बूटियों में सबसे अधिक प्रसिद्ध अश्वगंधा ही है। तनाव और चिंता को दूर करने में अश्वगंधा को सबसे फायदेमंद माना जाता है। दवाई बनाने वाली कंपनी अश्वगंधा को सीधे तौर पर खरीद करती है, जिससे इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। अश्वगंधा के फल, बीज और छाल का प्रयोग कर कई प्रकार की दवाइयां बनाई जाती हैं। बताया जाता हैं कि और फसल के मुकाबले इसमें 50 फीसदी से ज्यादा का मुनाफा होता है।