नई दिल्लीः अगर आप कहीं लंबे सफर पर जाते हैं तो ट्रेन की सवारी को सबसे सुरक्षित और आरामदायक माना जाता है। ट्रेन से यात्रा करने के लिए लोग इस कद्र उतावले रहते हैं कि स्लीपर के तो महीने पहले ही टिकट बुक हो जाते हैं। इंडियन रेलवे की ओर से भी यात्रियों को ट्रेन में ही कई प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं, जिसके लिए पैसा दिया जाता है।
ट्रेन से आपने सफर कई बार कर लिया होगा, लेकिन गाड़ी के कुछ ऐसे रहस्य भी हैं, जिन्हें जानकर आप दंग रह जाएंगे। दंग इसलिए की आपको अभी इनके बारे में पता ही नहीं होगा। आपने कई बार देखा होगा कि ट्रेन के सबसे पिछले डिब्बे के पीछे एक्स लिखा होता है, क्य आपको पता है कि इसका क्या मतलब माना जाता है।
हमारे देश में बहुत ही कम लोग ऐसे होंगे जिन्हें एक्स का मतलब पता होगा, लेकिन आप भी जानना चाहते हैं तो फिर यह खबर बहुत ही कीमती साबित होने जा रही है। आप भी इस एक्स निशान का मतलब जानकर हैरान रह जाएंगे, जिससे जानना भी जरूरी है।
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- जानिए डिब्बे के पीछे एक्स के निशान का मतलब
अगर आप प्लेटफॉर्म पर खड़े हो और कोई ट्रेन गुजर जाए तो पिछले डिब्बे पर एक्स के निशान को देखकर आप नजर अंदाज कर देते हैं, क्योंकि आपको इसके बार बार में जानकारी नहीं होती है। आज हम आपको यह सब जानकारी देने जा रहे हैं। आप भी इसका मतलब सुनकर हैरान रह जाएंगे। रेलव विभाग की ओर से इस एक्स निशान के मतलब को बहुत ही रहस्यम तरीके से दर्शाया गया है। एक्स के निशान का मतलब सुनकर आप कहेंगे कि इस बात का तो हमें अंदाजा ही नहीं था।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, किसी ट्रेन में बड़े अक्षर में एक्स का निशान है तो इसका मतलब आखिरी कोच है। यह दोनों लेटर पीले कलर या फिर सफेद कलर में लिखे रहते हैं। इसे सेफ्टी के लिए ट्रेन के आखिरी में लिखा होता है। इस निशान को देखकर स्टेशन मास्टर समझ जाता है कि पूरी ट्रेन प्लेटफॉर्म से गुजर चुकी है।
- एक्स का निशान नहीं होने पर स्टेशन मास्टर करता है यह काम
आपके प्लेटफॉर्म पर अगर ट्रेन आ जाए और आखिरी कोच के पीछे एक्स के निशाना ना बना हो तो स्टेशन मास्टर के होश उड़ जाते हैं। स्टेशन मास्टर समझ जाता है कि ट्रेन के डिब्बे कहीं पीछे ही छूट गए हैं, जिससे किसी हादसे की भी उम्मीद रहती है। ऐसी स्थिति में स्टेशन मास्टर ट्रेन को रुकवा लेता है।
ऐसी स्थिति में फटाफट मैसेज भेजा जाता है और ट्रेन के इस डिब्बे की तलाश का काम शुरू किया जाता है। इस ट्रेन के जरिए सभी ट्रेनों की सुरक्षा तय होती है। इस निशान के नहीं होने से ट्रेन को चलाने की इजात नहीं है।
- लाल लाइट देती है यह संकेत
इंडियन रेलवे की ओर से कई ऐसे संकेत दिए गए हैं, जिससे यात्रियों की समझ में कई बातें आ जाती हैं। ट्रेनों के पिछले हिस्से पर ब्लिंक करने वाली लाल रंग की बत्ती लगी रहती है। इससे रात में यह लाइट जलती रहती है। लाइट का संकेत होता है कि कोई दूसरी ट्रेन यहां से गुजर रही है। ऐसी परिस्थिति में लोको पायलट समझ जाता है कि कोई आगे ट्रेन जा रही है। ऐसे में वह अपने ट्रेन की स्पीड को कम कर सकता है. साथ ही काम करने वाले लोगों के लिए भी संकेत होता है।