नई दिल्ली EPS Pension Formula: अगर आप ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद खास हो सकती है। आपको बता दें मौजूदा समय में ईपीएफओ मासिक पेंशन के निर्धारण के फॉर्मूले में बदलाव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके तहत पूरे ईपीएस पेंशन योग्य सेवा के दौरान प्राप्त औसत पेंशन योग्य सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन निर्धारित करने का प्रस्ताव है। चलिए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं।
फिलहाल EPFO कर्मचारी पेंशन स्कीम के तहत मासिक पेंशन के निर्धारण के लिए पेंशन योग्य सैलरी पेंशन X पेंशन योग्य सेवा सूत्र का इस्तेमाल करता है। सूत्र अनुसार, ईपीएस पेंशन के तहत मासिक पेंशन के फॉर्मूले में बदलाव का प्रस्ताल है। इसमें बीते 60 के औसत सैलरी के बजाय पेंशन योग्य सेवा के दौरान मिलने वाले औसत पेंशन योग्य सैलरी को शामिल करने की स्कीम है। ईपीएफओ पेंशन योग्य सैलरी में महीनों। बहराल इस सूत्र ने स्पष्ट किया है कि ये सिर्फ प्रस्ताव के स्तर पर है और अभी तक इस पर कोई आखिरी निर्णय नहीं लिया गया है। आखिरी निर्णय एक्चुअरी की रिपोर्ट के बाद लिया जाएगा।
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अगर ईपीएफओ पेंशन फॉर्मुले में बदलाव करता है तो निश्चित रूप से सभी की मासिक पेंशन का निर्धारण करेगा, जिसमें मौजूदा फॉर्मूले से कम, अधिक पेंशन का ऑप्शन चुनने वाले भी शामिल है। इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लें कि हायर ईपीएस पेंशन का ऑप्शन चुनने वाले शख्स का बीते 60 साल महीने की औसत सैलरी 80 हजार रुपये है और उसकी पेंशन योग्य सेवा 32 साल है जिसके बाद आपको 36,571 रुपये की सैलरी मिलेगी।
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ड ने सरकार से EPFO सब्सक्राइबर्स को ज्यादा पेंशन का ऑप्शन पाने के लिए 4 महीने का समय देने को कहा था। EPFO ने ग्राहकों को हायर ईपीएस पेंशन का ऑप्शन चुनने के लिए कंपनियों के साथ में एक जुड़ा ऑप्शन फॉर्म भरने की ऑनलाइन सुविधा दी गई है। पहले इसकी समय सीमा 3 मई थी, जिसको बढ़ा दिया गया है। मौजूदा समय में EPFO सब्सक्राइबर्स पेंशन के लिए 15 हजार रुपये हर महीने की निश्चित सीमा का कंट्रीब्यूशन करते हैं।
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EPFO की सुरक्षा स्कीम में अंशधारकों का कंट्रीब्यूशन 12 फीसदी है। वहीं कंपनी के 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी ईपीएस पेंशन में जाता है। बाकी का 3.67 फीसदी EPF में जाता है। सरकार 15 हजार के वेतन पर सब्सिडी के रूप में 1.16 फीसदी का कंट्रीब्यूशन करती है।