नई दिल्ली EPFO New Update: अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो आपके लिए ये खबर काफी सही है। आपको बता दें ईपीएफओ पीएफ खाता धारकों को रिटायरमेंट के बाद सुरक्षा देती है। ये रिटायरमेंट लेने वालों के लिए एक बेस्ट ऑप्शन के तौर पर है। आपको बता दें ईपीएफओ अपने सदस्यों के लिए ईपीएफ और पेंशन संबंधी प्लान को मैनेज करता है।
आपको बता दें कर्मचारियों के द्वारा हर महीने अपने कर्मचारियों के खाते में कंट्रीब्यूट की गई रकम न सिर्फ रिटायरमेंट में काम करती है बल्कि पेंशन के रूप में कर्मचारियों की वित्तीय मदद भी करती है। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही हर महीने ईपीएफओ में बराबर कंट्रीव्यूशन करते हैं। नियोक्ता के कंट्रीब्यूशन से एक भाग कर्मचारी पेंशन स्कीम में जमा किया जाता है।
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पेंशन की राशि का कैलेकुलेशन
वहीं आपको बता दें ईपीएफओ खाते को बनाए रखने और तय समय में पेशन जारी करना ईपीएफओ की जिम्मेदारी है। ये समझने के लिए खाताधारक के परिवार के लिए मासिक ईपीएफओ की कैलकुलेशन कैसे की जाती है। साथ में ईपीएफओ में कितना कंट्रीब्यूशन किया जाता है। इसके बारे में डिटेल में समझें।
ईपीएफओ के मुताबिक, हर महीने कर्मचारी की सैलरी से 12 फीसदी डीए और डीआर के रुप में पैसा कटता है। ये पैसा सीधा पीएफ खाते में ट्रांसफर किया जाता है। इस खाते में नियोक्ता की भी रकम कटती है। पीएफ खाते में जमा की जा रही सारी रकम खाताधारक की मौत होने के बाद ही मिलती है।
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ईपीएफओ में पेंशन की कैलकुलेशन
आपको बता दें नियोक्ता के कंट्रीब्यूशन से 8.33 फीसदी ईपीएस में जाता है और बाकी रकम ईपीएफओ में जमा की जाती है। ईपीएस सदस्य के रूप में 10 साल पूरे होने के बाद कोई भी शख्स पेंशन पाने का हकदार होता है। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी के खाते में ट्रांसफर की जाने वाली सारी राशि ईपीएफओ पेंशन की कैलकुलेशन की जाएगी।