नई दिल्ली Rent Agreement Rule: दिल्ली हो या फिर मुंबई या फिर कोलकाता, देश से लोग काम की खोज में बड़े शहरों की तरफ रूख करते हैं और यहां पर किराएं पर रहकर गुजर-बसर करना होता है और बाहर से आए लोग जब घर किराए पर लेते हैं तो उस समय उनको रेंट एग्रीमेंट बनवाना होता है।
ये सुरक्षा के लिहाज से काफी जरुरी होता है और इस एग्रीमेंट में काफी तरह की जानकारियां लिखी होती हैं। लेकिन इसकी खास बात ये है कि पूरे साल का रेंट एग्रीमेंट 11 महीने के लिए ही बनता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि साल में 12 महीने होते हैं फिर भी आखिर एक महीने कम का एग्रीमेंट क्यों बनता है और उसके पीछे का कारण क्या है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
इसलिए बनता है 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट
देश के कानूनों में किराएदारों के लिए ये भी नियम तय किए गए हैं। इनमें से एक रेंट एग्रीमेंट से जुड़ा कानून भी शामिल हैं। साल में 12 महीने भले ही होते हैं। लेकिन एक साल से कम अवधि के लिए रेंट एग्रीमेंट या लीज एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी नहीं होता है।
इसका अर्थ ये है कि मकान मालिक बिना किसी रजिस्ट्रेशन के 11 महीने का ही रेंट एग्रीमेंट बना सकते हैं। यानि कि किराए पर घर देते समय मकान मालिकों और किराएदारों को सब रजिस्ट्रार कार्यालय जाकर दस्तावेज कराने और रजिस्ट्रेशन का चार्ज देने की आवश्यकता नहीं होती है।
किराएदार मकान मालिक के बीच विवाद में बडा रोल
एक्सपर्ट्स के अनुसार देश में किराए को लेकर जो भी कानून बनाए गए हैं उनमें से अधिकतर को किराएदारों के पक्ष में रखा गया है। ऐसे में यदि किसी किराएदार से संपत्ति मालिक का विवाद हो जाता है और वह किराएदार से संपत्ति खाली कराना चाहता है तो उसके लिए ये काफी मुश्किलें भरी काम होती है।
इसके अलावा जरा सी चूक के कारण मालिक को अपनी सपंत्ति के लिए सालों की कानूनी लड़ाई पड़ जाती है। ये काफी बड़ा कारण हैं कि 11 महीने का ही नोटरी रेंट एग्रीमेंट बनाया जाता है और ये कानूनी तरीके से वैध है। यदि कोई विवाद की स्थिति बनती है, तो फिर एग्रीमेंट को सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है।
रेंट टेनेंसी एक्सट में यदि किराए को लेकर कोई विवाद हो और मामाला कोर्ट में जाता है तो कोर्ट को अधिकार है कि वह किराया फिक्स कर दे। मकान मालिक उससे ज्यादा किराया नहीं ले सकता है।
रजिस्ट्रार कार्यालय के चक्कर का नहीं रहेगा झंझट
11 महीने के रेंट एग्रीमेंट बनाए जाने के पीछे की एक और वजह या फिर कहें ये लाभ है कि इस अवधि के एग्रीमेंट के लिए स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होती है। यदि रेंट एग्रीमेंट एक साल से कम के लिए बना है कि उस पर देय स्टाम्प शुल्क जरुरी नहीं है।
11 महीने का रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक के पक्ष में होता है। रेंट एग्रीमेंट का शुल्क किराएदार को पेमेंट करना होता है। आमतौर पर नोटरी रेंट एग्रीमेंट का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 100 रुपये या 200 रुपये के स्टॉम्प पेपर का इस्तेमाल किया जाता है।