नई दिल्ली Aadhaar Card Holders: मौजूदा समय में आधार कार्ड बेहद जरुरी हो गया है। इसके अलावा अधिकतर फाइनेंशियल सर्विसेज हैं जिनके लिए आधार कार्ड का उपयोग किया जाता है। वहीं काफी सारे ऐसे लोग हैं जिनके मन में ये बात बनी रहती है कि आधार कार्ड के द्वारा बैक खाता हैक हो सकता है। इसके अलावा आधार कार्ड से लिंक और भी ऐप की सर्विस को रोका जा सकता है। ऐसे में हम आपके लिए एक नई डिटेल के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि आपके लिए बेहद जरुरी है।
क्या आधार के द्वारा हैक हो सकता है बैंक खाता
वहीं एक्सपर्ट के अनुसार, केवल किसी का आधार नंबर का पता होने पर बैंक खाते को हैक करके पैसा नहीं निकाला जा सकता है। जबकि आप किसी को भी ओटीपी भी शेयर कर सकते हैं। या फिर स्कैनर डिवाइस पर अपनी उंगली, फेस, आखें आदि का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो तब तक आपके बैंक खाते की डिटेल पूरी तरह से सेफ है। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि साइबर अपराधियों ने प्रॉपर्टी रजिस्टर के दस्तावेजों से उंगलियों के निशान की नकल लोगों के बैंक खाते से आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए पैसों को निकला लिया था।
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हरियाणा की तहसील से चोरी हुए थे उंगलियों के निशान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साइबर अपराधियों ने दिसंबर 2022 में हरियाणा के पलवल में तहसील से लोगों के आधार नंबर और उंगलियों के निशान चुराए थे। सरकार ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली का इस्तेमा करके पैसे चुराने के लिए अपराधियों द्वारा इस्तेमाल टेक्नोलॉजी को संज्ञान में लिया है और इसलिए सेफ्टी के प्रोटोकॉल को भी अपडेट भी किया है।
सरकार ने क्या कहा?
वहीं फाइनेंशियल मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ भागवत कराड ने 31 जुलाई को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि फिंगरप्रिंट बेस्ड प्रमाणीकरण के समय नकली गमी फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल से AIPS धोखाधड़ी को रोकने के लिए UIDAI एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन का निर्माण किया गया है। इस सिस्टम के काम करने के तरीके के बारे में बताते हुए एक्सपर्ट कहते हैं कि सभी AEPS लेनदेन UIDAI में आधार से जुड़ें बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल करके प्रमाणित किया जाता है। बहराल हाल ही में एफआईआर-एफएमआर नाम की एक सुरक्षा टेक्नोलॉजी की पेशकश की गई है।
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क्या है टेक्नोलॉजी
ये तकनीक फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन पर बेस्ड है। जिसके बाद लोगों के द्वारा सिलिकॉन का इस्तेमाल करके नकली फिंगरप्रिंट बनाकर लोगों के बैंक खाते से पैसे निकालने के मामले सामने आए थे। ये टेक्नोलॉजी कैप्चर किए गए फिंगरप्रिट की सजीवता की जांच करने के लिए उंगली की बारिकियों और उंगली की इमेज दोनों के कॉम्बिनेशन का उपयोग करती है।
क्या आधार आधारित पेमेंट है सेफ
बता दें जालसाजी के दो बड़े कारण होते हैं। पहला कि जालसाज बैंकों और इस प्रकार के दूसरे फाइनेंशियल संस्थानों के सर्वर को हैक कर लेते हैं। इसके अलावा वह ग्राहकों की जानकारी को रखने वाले डेटाबेस को भी हैक कर लेते हैं। वहीं दूसरी बड़ी वजह ये है कि कोई गलती से अपना डेटा जालसाजों को ट्रांसफर देता है और धोखाधड़ी हो जाती है।