Deepak ke Totke : हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और शुभ मौकों पर दीये जलाने के संबंध में है। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को देवी-देवताओं का सम्मान और भक्ति प्रकट करने का एक प्रमुख तरीका माना जाता है। विभिन्न प्रकार के दीपक विभिन्न मौकों पर जलाए जाते हैं। दीपक का जलना अंधकार को दूर करता है और उज्ज्वलता का प्रतीक होता है। दीपक जलाने से नकारात्मकता खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अलग-अलग दीपकों का उपयोग अलग-अलग धार्मिक अवसरों और पूजा में किया जाता है ऐसे में मुख्य द्वार पर दीपक जलाने के कई फायदे बताये जाते है जो इस प्रकार है :
वास्तव में हिंदू धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विशेष तरीके और दीपकों का उपयोग किया जाता है।
शनिदेव की पूजा में सरसों के तेल का दीपक जलाना: शनि देव को शुभ कर्मों के लिए प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना प्रचलित है। शनि देव की पूजा शनिवार को की जाती है, और उनके शुभ फल के लिए सरसों के तेल के दीपक का उपयोग किया जाता है।
हनुमान जी की पूजा में चमेली के तेल का दीपक जलाना: हनुमान जी को भक्ति, साहस, और समृद्धि के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इसलिए उनकी पूजा में चमेली के तेल से बने दीपक का उपयोग किया जाता है।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए गाय के घी का दीपक जलाना: मां लक्ष्मी धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं। उनकी पूजा में गाय के घी से बने दीपक का उपयोग किया जाता है जो धन और समृद्धि के लिए आशीर्वाद देता है।
क्यों जलाया जाता है मुख्य द्वार पर दीपक :
शाम के समय दीपक जलाने का अनुसरण किया जाता है, और इसे मां लक्ष्मी के आगमन का समय माना जाता है। सूर्यास्त के समय मां लक्ष्मी के आगमन का अवसर होता है। इस समय पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता दूर होती है।दूसरी ओर, मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी को प्रसन्नता मिलती है और धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी हैं, इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए गाय के घी का उपयोग किया जाता है।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।