Car Steering Wheel Facts: भारत हो या कोई और देश जब हम वहां की कारों को देखते हैं तो हम पाते हैं कि उसके स्टीयरिंग व्हील को दाएं या फिर बाई की तरफ रखा गया है। यह देखकर कई लोगों के मन में यह सवाल आता होगा इसे सेंटर में क्यों नहीं लगाया जाता है? ऐसे ही सवाल McLaren F1 के डिजाइन को भी आया था और फिर उन्होंने इस सुपर कार के सेंटर में स्टीयरिंग व्हील को फिट किया था। फिर दोनों तरफ 2 सीटें लगा दी थी यानी कि इसमें दो लोग आसानी से बैठ सकते थे।
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लेकिन बाद में कुछ डिजाइनरों ने स्टीयरिंग व्हील को साइड की तरफ लगाना शुरू कर दिया। इससे ड्राइवरों को काफी ज्यादा सुविधा मिली। वह अब विपरीत दिशा में दूरी तक देख सकते थे। वही कार को कंट्रोल करना भी काफी ज्यादा आसान हो गया था। आपको बता दें कि पहले कुछ कारों में सेंटर स्टेरिंग भी देखने को मिलती थी लेकिन समय के साथ इसे बंद कर दिया गया आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि सेंटर में स्टीयरिंग व्हील को क्यों नहीं लगाया जाता है?
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आपको पता होना चाहिए कि जिन देशों में बाएं तरफ की ओर चला जाता है। वहां स्टीयरिंग व्हील को दाएं तरफ लगाया जाता है और जिन देशों में लोग दाएं तरफ से चलते हैं। वहां स्टीयरिंग व्हील को बाएं तरफ लगाया जाता है। यही कारण है कि हमें अमेरिका के सभी कारों में बाएं तरफ स्टेरिंग व्हील देखने को मिलते हैं।
अगर हम साइड में स्टेरिंग बिल्कुल फिट करते हैं तो ड्राइवर को दूर तक दिखता है और उसके सड़क पर अच्छी विजिबिलिटी भी मिलती है।
रियर व्यू मिरर द्वारा पीछे से आने वाली गाड़ियों को काफी आसानी से देखा जा सकता है।
कार के केबिन का डिजाइन सेमेट्रिकल हो जाता है। इसके कारण उसे कंट्रोल करना काफी ज्यादा आसान हो जाता है।
साइड में स्टीयरिंग व्हील कर लगाने से केबिन स्पेस अधिक लगने लगता है। वहीं डैशबोर्ड के नीचे और इंजन कंपार्टमेंट को अच्छे से संयोजित किया जा सकता है।