जो मुल्क कंगाली (Bankrupt) के कगार पर बैठा हो उसकी भूखी-नंगी फ़ौज क्या कर सकती है? इस सवाल का सामान्य जवाब है कुछ नहीं…! लेकिन अगर वो मुल्क पाकिस्तान है तो उसका मुल्ला जनरल असीम मुनीर बॉर्डर पर फ़ॉल्स फ़्लैग ऑपरेशन करवा सकता है। ईरान और अफ़ग़ानिस्तान बॉर्डर पर तो उसकी फ़ौज का बैंड बजा हुआ है। वहाँ फ़ॉल्स फ़्लैग ऑपरेशन हो नहीं सकता। इसलिए इंडिया ही ऐसा बॉर्डर है जहां फ़ॉल्स फ़्लैग ऑपरेशन और कश्मीर के स्यापे से कंगाल (Bankrupt) पाकिस्तान के मदरसा छाप लोग ‘लब्बैक’ का नारा लगाते हुए फ़ौज के पीछे खड़े हो सकते हैं।
क्या है IMF और कैसे देता है देशों को कर्जा
कंगाल (Bankrupt) पाकिस्तान के की आशंका इसलिए बढ़ गई है क्योंकि पाकिस्तानियों के साथ ही विदेशी थिंक टैंक ने इशाक डार के बजट पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को पाकिस्तान का 2023-2024 का बजट पेश किया है। बजट सामने आते ही आईएमएस के विशेषज्ञों ने इसका विश्लेषण किया और निराशा व्यक्त की। इसका मतलब यह है कि आईएमएफ़ से पाकिस्तान को फ़िलहाल कोई राहत नहीं मिलने जा रही है। यानी पाकिस्तानो कंगाल (Bankrupt) होने जा रहा है।
कितनी बार डिफॉल्ट होने से बचा पाकिस्तान
पाकिस्तान के कंगाल (Bankrupt) होने की आशंकाओं के बावजूद इशाक डार ने लोक लुभावन बजट देने की कोशिश की है। क्यों कि अक्टूबर में आम चुनाव होने वाले हैं और शहबाज सरकार फिर से सत्ता मे वापसी चाहती है। दूसरी ओर आईएमएफ़ की नज़र अपना क़र्ज़ वापस लेने और क़र्ज़ का ब्याज इकट्ठा करने के लिए राजस्व बढ़ोतरी पर है। पाकिस्तान में आईएमएफ़ की शर्तों के अनुसार कुछ नहीं हो रहा है, इसलिए आईएमएफ़ से मदद की उम्मीद भी नहीं है। पाकिस्तानी थिंक टैंक शाहबाज़ अशरफ़ का कहना है कि पाकिस्तान का बजट आईएमएफ़ को खुश करने में नाकाम रहा है।
पाकिस्तान को कंगाल (Bankrupt) होने से बचाने के लिए 8 अरब से डॉलर से ज़्यादा विदेशी मदद की ज़रूरत है। फ़िलहाल यह मदद किसी भी कौने से मिलने की संभावना नहीं है। इसका मतलब यह कि आईएमएफ़ के क़र्ज़ न देने के ऐलान के साथ ही पाकिस्तान के कंगाल (Bankrupt) होने की शुरुआत हो जाएगी। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भण्डार में मात्र 4 अरब डालर हैं। जो तीन से चार महीने में स्वाहा हो जाएँगे। मतलब यह कि पाकिस्तान कंगाल (Bankrupt) हो जाएगा।
पाकिस्तान के थिंक टैंक आबिद हसन और मुस्तफ़ा पाशा और आबिद हसन ने कहा है कि अगर तीन-चार महीने के भीतर आईएमएफ़ से बेलआउट पैकेज मिल गया तो प्राइवेट सेक्टर में बाहरी मदद मिल सकती है और अगर आईएमएफ़ ने मना कर दिया तो पाकिस्तान के पापों का घड़ा फूटना तय है।
पाकिस्तान के कंगाल होने के हालात में फ़ौजी जनरल मुल्क को टूटने से मचाने के लिए सिर्फ़ एक काम कर सकती है वो यह कि भारतीय बॉर्डर पर फ़ॉल्स फ़्लैग ऑपरेशन करे। पाकिस्तानी फ़ौजी चीफ़ जनरल मुल्ला मुनीर के सामने यह भी समस्या है कि वो टैंकों और आर्मी व्हीकल्स को चलाने के लिए डीज़ल कहां से लाएगी। दूसरी बात यह कि भूखी-नंगी फ़ौज कितने दिन तक टिक सकेगी। मतलब यह कि फ़ौज मोर्चा छोड़ उन लोगों के पीछे पड़ सकती है जो मुल्क को कंगाल पहुँचाने के लिए ज़िम्मेदार माने जाएँगे।