लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की जेल एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। इस जेल की कमान अब नए जेलर को दे दी गई है। यहां राकेश कुमार वर्मा की जगह वीरेंद्र कुमार वर्मा को नया जेलर बनाया गया है। बड़ी बात यह है कि वीरेंद्र कुमार वही जेलर हैं जिन्हें माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को जेल में रहते हुए विशेष सुविधाएं देने के आरोप में बांदा जेल में निलंबित किया गया था। उन्होंने जेल के नियमों की अनदेखी कर मुख्तार को कई सुविधाएं दी थीं।

बांदा जेल में बंद था

माफिया मुख्तार अंसारी जब यूपी की बांदा जेल में बंद था, तब वीरेंद्र कुमार वर्मा उस जेल के जेलर थे। इस दौरान उन्होंने जेल में मुख्तार को विशेष सुविधाएं दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।जेल के नियमों के खिलाफ जाकर उन्होंने पैसे लेकर मुख्तार को अवैध फोन बूथ, बैरक आवंटन और निजी किचन में मनचाहा खाना जैसी सुविधाएं दी थीं। मुख्तार के अलावा उन्होंने कुछ अन्य कैदियों को भी ऐसी सुविधाएं मुहैया कराई थीं। वीरेंद्र वर्मा ने मंगलवार शाम गाजीपुर जिला जेल के जेलर का कार्यभार संभाल लिया है। इससे पहले वीरेंद्र वर्मा 15 महीने तक निलंबित रहे थे। निलंबन के बाद उन्हें पहले नवंबर 2024 में वाराणसी सेंट्रल जेल का जेलर बनाया गया और अब उन्हें गाजीपुर जेल में तैनात किया गया है।

सस्पेंड कर दिया गया था

दरअसल वीरेंद्र वर्मा साल 2021 में तब चर्चा में आए थे जब पंजाब के मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल लाया गया था. साल 2023 में बांदा जेल में निरीक्षण के दौरान पता चला था कि मुख्तार को नियमों के विरुद्ध कई सुविधाएं दी जा रही हैं. जिसमें उनका नाम सामने आया था. यह मामला सामने आने के बाद उन्हें 20 अप्रैल 2023 को फतेहगढ़ जेल में ट्रांसफर कर दिया गया और जांच में दोषी पाए जाने के बाद 14 जुलाई 2023 को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था.

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