नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लेकर हाउस रेट अलाउंस को लेकर कई तरह के बदलाव होने जा रहा हैं जिसको लेकर नियमों में बदलाव हो गया है। नए नियमों के अनुसार, सरकारी कर्मचारी कुछ मामलों में HRA को लकेर योग्य नहीं माने जा रहे हैं। ऐसे में अगर केंद्र कर्मचारीं हो चुके हैं, तो ये जानना अहम है कि ये शर्ते किस तरह की है। आइए इन्हें डिटेल के बारे में विस्तार से जानकारी चेक करते हैं।
हाउस रेंट अलाउंस (HRA) को लेकर नए शर्ते के बारे में जानें
1. पहला नियम यह है कि अगर कर्मचारी दूसरे सरकारी कर्मचारी को देने वाले सरकारी आवास को शेयर करना होता है। तो वे इसके लिए योग्य नहीं माना जा रहा है।
2. इसके अलावा अगर कर्मचारी के माता-पिता, बेटे या बेटी को घर अलाट किया जा चुका है और वह उसमें वे रहता है। इनमें केंद्र या राज्य सरकार, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और सेमी-गवर्मेंट ऑर्गनाइजेशन जैसे नगर निगम, पोर्ट ट्रस्ट, नेशनलाइज्ड बैंक, LIC आदि को शामिल किया गया है।
3. अगर सरकारी कर्मचारी के जीवनसाथी को ऊपर देखा जाए तो इकाई ने घर किया जा चुका है। और अगर वह उस घर में रह रहा है या अलग किराये पर रहना मौजूद है तो वह नहीं रहता है।
HRA क्या है और इसमें कैसे करना होता क्लेम
HRA जिसे हाउस रेंट अलाउंस के नाम से जाना जाता है, यह आपकी सैलरी वाला अहम हिस्सा माना जा रहा है। अगर कोई सैलरीड इंडिविजुअल किराए के घर पर रहने जा रहा है तो उसे इस पर टैक्स एग्जेम्पशन मिलना शुरु हो जाता है। आपको कितना HRA मिलने जा रहा है। इसका फैसला आपका एंप्लॉयर द्वारा किया जाता है लेकिन इसमें ऑप्टिमाइजेशन की गुंजाइश होना शुरु हो जाती है।
HRA क्लेम केवल सैलरीड इंडिविजुअल द्वारा किया जा सकता है। सेल्फ एंप्लॉयड एचआरए क्लेम नहीं कर सकता है। जिस घर में सैलरीड इंडिविजुअल होने वाला है वह किराए का होना अहम होता है। खुद के घर में रह रहे हैं तो इसका फायदा नहीं मिलने जा रहा है। रेंट आपकी सैलरी का 10 फीसदी से अधिक नहीं होने चाहिए तभी आपको इसका फायदा मिल जाता है।