नई दिल्लीः अभी के समय में भारतीय टीम में बहुत उथल-पुथल चल रही है। टॉप ऑर्डर भारतीय टीम का पहले से असंतुलित है। यही नहीं टीम में परमानेंट बल्लेबाज और विकेटकीपर ने नाम पर भी संदेह बना रहता है। ऋषभ पंत को इंजरी होने के कारण विकेटकीपिंग केएल राहुल को सौंपी गई। लेकिन विकेटकीपर के बुरे परफॉर्मेंस ने अब भारतीय टीम में अनिर्णयात्मक का माहौल बना हुआ है। टीम के परफॉर्मेंस से एमएस धोनी जैसे बल्लेबाज के साथ विकेटकीपर ही भी जरूरत नजर आ रही है। को विकेटकीपिंग के साथ साथ असंतुलित बैटिंग ऑडर को भी सही कर सके।
ऋषभ पंत जिन्हे पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का उत्तराधिकारी माना जाता है उनका लगातार बुरा प्रदर्शन नजर आ रहा है जिस वजह से क्रिकेट फैंस भी नाराज नजर आ रहे है।फैंस को लगने लगा है कि पंत अब भारतीय टीम के लिए बोझ बन चुके हैं। और इस सोशल मीडिया के ज़माने में लोग अपनी बात रखने से कैसे पीछे हट सकते है। लोग अपनी बात बुलंद कर रहे है कि उन्होंने संजू सैमसन का करियर खराब कर दिया। सैमसन ने भारतीय टीम में पंत से पहले डेब्यू किया था लेकिन वह ऋषभ पंत जितने मैच नहीं खेल सके हैं।
- सैमसन में है धोनी जैसी क्वालिटीज
पंत में एमएस धोनी के वारिस होने के टैग के अलावा धोनी जैसा एक भी नहीं गुण नजर नहीं आ रहा है। अगर बात करे संजू सैमसन की तो उन में धोनी की तरह बहुत सी कला है। वह महेंद्र सिंह धोनी की तरफ ही बल्लेबाजी करते हैं। यही नहीं उनका प्रदर्शन विकेटों के पीछे भी अच्छा खेल दिखाया हैं।
धोनी के दूसरे गुण पर ध्यान दे और बात करे तो सैमसन धोनी की तरह ही कूल मिजाज के हैं और विकट परिस्थितियों में अपना संतुलन नहीं खोते हैं। लेकिन इसके बाद भी सैमसन को मैच खेलने के मौके नहीं दिए जा रहे हैं। साथ ही अगर उन्हें टीम में सिलेक्ट भी कर लिया जाए तब भी उन्हें खेलने का मौका नहीं दिया जाता है।
संजू सैमसन को न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 और ओडीआई सीरीज के लिए टीम इंडिया में सिलेक्ट किया गया था लेकिन उन्हें सिर्फ एक मैच ही खेलने का मौका दिया गया। जिसके बाद उन्हें दूसरा चांस नहीं मिला।