नई दिल्लीः पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और ऑलराउंडर दिग्गज खिलाड़ी शाहिद अफरीदी उर्फ लाला ने भारत की जमकर तारीफ की है। लाला ने कहा है कि जो सम्मान मुझे भारत में मिला है, वह सम्मान मुझे पाकिस्तान में भी नहीं मिला और दुनिया के किसी हिस्से में मुझे उतना प्यार नहीं मिला जितना मुझे भारत में प्यार मिला है। इसके साथ ही लाला ने बेन स्टोक्स की भी तारीफ की शाहिद अफरीदी ने बेन स्टोक्स के उस कदम की तारीफ की जिस पर बेन स्टोक्स ने यह निर्णय लिया है कि वह पाकिस्तान में चल रही टेस्ट सीरीज में अपनी मैच फीस का पूरा हिस्सा पाकिस्तान के बाढ़ पीड़ितों के लिए दान कर देंगे।
शाहिद अफरीदी का मानना है कि अलग-अलग देशों के खिलाड़ियों के बीच दोस्ती बढ़ गई है और बेन स्टोक्स के ऐसा करने से और भी लोगों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बेन स्टोक्स के इस कदम को सराहनीय कदम बताया साथ में उन्होंने उस वक्त को याद किया जब शाहिद अफरीदी पाकिस्तान के कप्तान के तौर पर भारत में विश्व कप खेलने आए थे। उस दौर को याद करते हुए लाला ने कहा कि मुझे भारत में बहुत सम्मान मिला है। आइए हम आपको बताते हैं लाला ने और क्या-क्या बात कही।
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बेन स्टोक्स ने उठाया सराहनीय कदम: शाहिद अफरीदी
दिग्गज ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने समा टीवी से बात करते हुए कहा कि “एक एथलीट के रूप में पूरी दुनिया की नजर आप पर होती है और आप अपने देश के सम्मान व इज्जत को बरकरार रखना चाहते हैं। बेन स्टोक्स ने जो किया वो शानदार है, ऐसी चीजें आगे और होनी चाहिए क्योंकि अब अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के बीच और अच्छी दोस्ती है।” आपको बता दें शाहिद अफरीदी बेन स्टोक्स के कदम की तारीफ कर रहे हैं। पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल रहे इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने निर्णय लिया है कि, वह अपनी मैच किसका पूरा हिस्सा पाकिस्तान में बाढ़ पीड़ितों के लिए दान करेंगे। इससे बेन स्टोक्स का सम्मान पाकिस्तान में खूब बढ़ गया है।
भारत ने मिला है मुझे पाकिस्तान से ज्यादा सम्मान
इसके साथ ही शाहिद अफरीदी ने भारत को याद किया और कहा कि भारत जितना सम्मान तो है पाकिस्तान में भी नहीं मिला। शाहिद अफरीदी ने कहा कि, “मेरा इसमें हमेशा भरोसा रहा है। जब हम विश्व कप के लिए भारत गए थे। मैं वहां अपनी टीम का कप्तान था। और मैंने कहा है कि जैसा सम्मान उस समय हमको भारत में मिला था, वैसा सम्मान हमको यहां पाकिस्तान मेंं भी नहीं मिला है। ये एक सकारात्मक संदेश था, खासतौर पर उस समय जब शंकाएं थीं कि हम वहां खेलने जा भी पाएंगे या नहीं।”