नई दिल्ली Fixed Deposit New Rules: अगर किसी सुरक्षित निवेश की बात करें तो फिक्स डिपॉजिट को माना जाता है। इसका कारण ये है कि इसमें गारंटीड रिटर्न मिलता है। बहराल इससे जुड़ें एक नियम में RBI के द्वारा बदलाव करने को कहा गया है। जिसका लाभ सभी निवेशकों को मिलेगा।
RBI के द्वारा फिक्स डिपॉजिट में समय से पहले पैसा जमा करने पर एक नियम को बदला गया है। अभी तक बैंक 15 लाख रुपये तक की फिक्स डिपॉजट पर समय से पहले पैसा विड्रॉल करने की सुविधा देता है। अब सेंट्रल बैंक ने इस राशि को कम कर 1 करोड़ रुपये कर दिया है। इसका अर्थ ये है कि अब पैसों की जरुरत पड़ने पर एफडी को मैच्योर होने से पहले ही तोड़ा जा सकेगा और निवेशकों को अपनी जमा राशि को निकाल सकेंगे।
दो प्रकार की एफडी कर रही धमाल
बैंक निवेशकों को 2 तरह की फिक्स डिपॉजिट देते हैं। जिनमें कॉलेबल और नॉन कॉलेबल शामिल है। नॉन कॉलेबल एफडी का अर्थ है कि आप सम से पहले यानि कि एफडी मैच्योरिटी से पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं।
लेकिन कॉलेबल एफडी में ऐसा किया जा सकता है। कॉलेबल एफडी में खाताधारक मैच्योरिटी से पहले कुछ रकम या पूरी रकम निकाल सकते हैं। बहराल मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर बैंक कुछ जुर्माना वसूलता है
लेकिन कॉलेबल एफडी में कोई भी लॉक इन पीरियड नहीं होता है। लेकिन नॉन कॉलेबल एफडी पर साधारण एफडी की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है क्यों कि इसमें पैसा ब्लॉक हो जाता है।
RBI ने क्या किया बदलाव
RBI ने इस अक्टूबर को एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि नॉन कॉलेबल एफडी के लिए समय से पहले निकाली जाने वाली मिनिमम रकम को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये किया जा रहा है। इसका अर्थ है कि 1 करोड़ रुपये और उसे कम की रकम पर सभी डिपॉजिट पर समय से पहले पैसा निकाल सकते हैं।
आरबीआई के सर्कुलर के मुताबिक बैंकों की प्रीमैच्योरिटी विड्रॉल ऑप्शन के बिना एनआरई, एनआरओ फिक्स डिपॉडिट ऑफर करने की आजादी होगी। लेकिन 1 करोड़ रुपये और उससे कम रकम के लिए व्यक्तिगत तौर पर स्वीकार किए गए सभी NRE / NRO एफडी में समय से पहले पैसा निकालने की सुविधा देनी होगी।
मई से आरबीआई के लगातार ब्याजदरों में इजाफा किए जाने के बाद से अब बैंक निवेशकों को एफडी पर आकर्षक ब्याज दरों को पेश कर रहा है। इस महीने की शुरुआत में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इस डिपॉजिट और लोन रेट में और इजाफा किए जाने की गुंजाइस अभी भी बाकी है।