Oil Price in India: 15 अक्टूबर यानी आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। हर तरफ नवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की नौ शक्तियों की पूजा होती है। मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिन पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों के कष्टों को दूर करती हैं। नवरात्रि के बाद दिवाली का त्यौहार शुरू हो जायेगा। त्योहारी सीजन में तेल की मांग खुश ज्यादा ही बढ़ जाती है। महिलाएं अपने घरों में तरह – तरह के पकवान बनाना शुरू कर देती हैं।
इसके अलावा तेलों की मांग भी बढ़ी है। सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन, बिनौला की कीमतों में बदलव देखने को मिला है। सबसे ज्यादा सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल की मांग मार्केट में देखने को मिल रही है। खाद्य तेल के आयात में भी वृद्धि देखने को मिल रही है।
तेल-तिलहनों के दाम कुछ इस प्रकार हैं:-
सरसों तिलहन की कीमत – 5,625-5,675 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
मूंगफली के दाम की बात करें तो – 6,750-6,800 रुपये प्रति क्विंटल है।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,315-2,600 रुपये प्रति टिन है।
सरसों तेल दादरी- 10,550 रुपये प्रति क्विंटल है।
सरसों कच्ची घानी के भाव इस समय 1,780 -1,890 रुपये प्रति टिन देखने को मिल रहा है।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल है।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी की कीमत दिल्ली में 9,750 रुपये प्रति क्विंटल है।
एक समाचर एजेंसी के मुताबिक, एसईए ने वनस्पति तेल पर चौकाने वाली बात कही है। SEA के मुताबिक, सितंबर में देश के वनस्पति तेल आयात में 5 प्रति की कमी देखने को मिल रही है। जबकि, बीते साल की समान अवधि में 16.32 लाख टन से कम होकर 15.52 लाख टन पर सिमट गया था।
इसके साथ ही देश की आर्थिक राजधानी मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबकि, पाम उत्पाद का आयात तेजी से बढ़ रहा है। पाम तेल की हिस्सेदारी बढ़कर 59 प्रति है। पाम के साथ सोयाबीन और दूसरे तेलों की अपेक्षा कच्चे पाम तेल के आयात को झटका जरूर लगा है। इसी सितंबर में कुल 7.05 लाख टन रहा, जो बीते महीने के 8.24 लाख टन से रहा है।