नई दिल्ली EPFO New Update: अगर आप ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद खास हो सकती है। वहीं ईपीएफओ के द्वारा 6.5 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स को लाभ होने जा रहा है। दरअसल पेंंशन फंड में सीलिंग को लेकर बहुत ही जल्द ही फैसला ले सकती है। EPFO के अनुसार, सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को पीएफ के दायरे में लाना चाहती है। इस दिशा में पेंशन की सीमा को मूल सैलरी 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये की जा सकती है।
ईपीएफओ के नियम के अनुसार, ईपीएस पेंशन में मैक्जिमम 15 हजार रुपये का मूल वेतन पर पेंशन मिलती है। इसमें EPFO पेंशन फंड में हर महीने अधिकतम 1250 रुपये जमा किए जा सकेंगे। अगर इसमें बदलाव किया जाता है तो ये सीमा बढ़कर 21,000 रुपये हो जाएगी।
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सैलरी में क्या है सीमा
जब कोई ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स EPS में कंट्रीब्यूशन करता है तो उसके ईपीएफ के अलावा कुल पैसा EPFO में जाता है ये वह योगदान हैं जो कि नियोक्ता के द्वारा किया जाता है। लेकिन इसमें जमा और पेंशन फंड की अधिकतम लिमिटे 15,000 रुपये है। अब EPFO के द्वारा इसमें इजाफा किया जा सकता है।
वहीं उदाहरण के तौर पर अगर किसी ईपीएफओ की बेसिक सैलरी 30 हजार रुपये हैं तो उस सैलरी पर 12 फीसदी EPS जमा होता है। यहीं नहीं नियोक्ता के खाते में उतना ही हिस्सा जमा होता है लेकिन नियोक्ता का भाग EPFO में दो जगहों पर जमा होता है। पहला ईपीएफ में और दूसरा ईपीएस में जमा होता है।
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खाते में आएगें इतने हजार रुपये
वहीं बता दें ईपीएफओ का 12 फीसदी हिस्सा 30,000 रुपये की सैलरी में जमा होता है। लेकिन पेंशन फंड में मूल सैलरी की सीमा 15 हजार रुपये है। EPFO लिमिट के कारण ही सैलरी का 8.33 फीसदी यानि कि 1250 रुपये EPF में जमा होता है। अगर इसकी लिमिट बढ़ जाती है तो उस हिस्से को 25 हजार रुपये की लिमिट तय की जा सकती है। यानि कि पेंशन फंड में 2,083 रुपये जमा होगा।
EPFO को होगा बंपर लाभ
वहीं आप EPFO ये निर्णय लेता है तो 6 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स को बंपर लाभ होगा। जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोग इस दायरे मेें आएंगे। वहीं अगर आप नियोक्ता का कंट्रीब्यूशन होता है तो इस नियम को लागू होने में समय लग सकता है।