नई दिल्ली- जल है तो जीवन है जल के बगैर कुछ नहीं है। यह कहावत देखी सुनी जा सकती है। लेकिन जैसलमेर की एक ऐसी सरकारी कॉलोनी की दर्दनाक कहानी है। जिनको बसे हुए 15 साल से ऊपर होने वाले लेकिन आज तक यहां पानी नहीं पहुंचा है।
15 साल में तीन बार सरकारी बदली तीन बार विधायक बदल गए। लेकिन कॉलोनी में निवास कर रहे 5000 लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। मजबूरन उन्हें टैंकर मंगवा कर अपनी आजीविका चलनी पड़ रही है।
पानी बिजली के मूलभूत आवश्यकताओं की मांग को लेकर आसानी कॉलोनी वासी पिछले 5 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। इस बार इन लोगों ने कहा कि पानी नहीं तो वोट नहीं।
बता दे 2008 में जैसलमेर में नगर परिषद के लक्ष्मी चंद सांवल नमक कालोनी काटी गई थी। जहां कॉलोनी में करीब 5000 लोग निवास कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन इन लोगों की मूलभूत सुविधाओं को नहीं समझ पा रही ना ही उपलब्ध कराने में विफल आ रहा है।
नगर परिषद जैसलमेर द्वारा 15 साल पहले आवंटित की गई ग्रामीण लोन में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करने पर कॉलोनी वासियों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के आगे धरना शुरू कर दिया है।
कॉलोनी वासियों ने धरना शुरू करके जुलूस निकालकर जिला कलेक्टर परिसर में नगर परिषद प्रशासन और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है।
कॉलोनी वासियों ने कहा कि जब तक नगर परिषद द्वारा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। तब तक धरना जारी रहेगा। नगर वासियों कॉलोनी वासियों ने आगे कहा कि 2023 में होने जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए मतदान नहीं करने की चेतावनी दी है।