नई दिल्ली- यूपी विधानसभा में बुधवार का दिन बहुत खास होगा सदन में आचार व्यवहार और विधायकों के तौर-तरीकों को लेकर बनाई गई नियमावली पर विधानसभा में चर्चा होगी। इसके बाद नई नियमावली को पारित कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली 2023 लागू होने के बाद यूपी विधानसभा की कई बातों को लागू करने के मामले में देश की पहली विधानसभा बन जाएगी।
सरकार का विरोध करने के लिए विपक्षी पार्टी के नेताओं विधायकों का बैनर पोस्टर और प्ले कार्ड लेकर सदन में जाना महंगा पड़ेगा। नव हंगामा करने के लिए अध्यक्ष असम के पास आ पाएंगे ना ही कोई कागज फाड़ कर विरोध जाता पाएंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा के विधायक को के आचरण और व्यवहार के लिए नई नियमावली पेश की गई इस पर बुधवार को चर्चा होने की उम्मीद है। जिसके बाद यह विधानसभा में पारित किया जाएगा। इस नियमावली के लागू होने के बाद सदन का नजारा बदलता हुआ दिखाई देगा। क्योंकि आमतौर पर सदन में होने वाले विरोध प्रदर्शन पर रोक लग पाएगी।
नई नियमावली से सदन में विधायकों के आचरण के लिए नए और कड़े मानक तय किए गए विधायक अब विरोध प्रदर्शन के लिए सदन में बैनर पोस्टर या झंडा नहीं ले जा सकेंगे अक्षर देखा गया है। कि विपक्षी पार्टियों के विधायक यही माध्यम से सदन से अपना विरोध जाहिर करते हैं इसके अलावा सदन में विधायकों के ऑपरेशन के स्थान पर मोबाइल ले जाने पर भी रोक होगी। शास्त्र ले जाने पर भी रोक लगी होगी नियमावली के अनुसार बनाया गया। यह विधेयक विरोध करने या किसी बात को करने के लिए अध्यक्ष के आसन के पास नहीं जा सकेंगे।
नियमावली में विधायकों के आचरण और सदन में व्यवहार को नियंत्रित करने के अलावा विधायकों को अधिकारी भी दिए गए इसके सबसे बड़े प्रावधान विधान का होगा विधान में e-vidhan को पहले ही लागू किया गया है। जिसके तहत सदन में टेबलेट इंस्टॉल कर विधायकों के पेपर में काम और विधानसभा की कार्यवाही को डिस्टल स्टाइल करने की पहल की गई थी। नई नियमावली के तहत विधायक घर में अपने दफ्तर में या कार में बैठकर भी सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे यानी कार्यवाही को ऑनलाइन किया जाएगा। विधायकों को सत्र की जानकारी भी ईमेल या फ़ोन से दी जा सकेगी। कार्यवाही में वर्चुअल शामिल होने का विधायकों को देने वाली यूपी विधानसभा देश की पहली विधानसभा होगी माना जा रहा है। कि अगला सत्र नए सत्र नियमों के तहत संचालित किया जाएगा।
9 नियमावली में सत्र के संचालन के विषय में भी बदलाव का प्रावधान किया गया। अभी सत्र बोलने के बाद 15 दिन के अंदर नोटिस व्यवस्था की जाएगी पर अब यह समय 7 दोनों का होगा। नई नियमावली 1958 में बनी मौजूद नियमावली की जगह लगी पिछले साल शीतकालीन सत्र के दौरान 6 दिसंबर को विधायक अतुल प्रधान ने सदन से सोशल मीडिया पर लाइव किया था। जिसके बाद इस बात को निर्णय लेना सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष ने आपत्ति की थी। बल्कि उनको सदन से बाहर जाने के लिए भी कहा गया था।