लखनऊ: संभल में मस्जिद विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बुधवार (12 मार्च) को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि संभल का जिक्र 5,000 साल पुराने शास्त्रों में मिलता है और यह इस्लाम से भी पहले का है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि संभल में श्री हरि विष्णु मंदिर को 1526 में नष्ट कर दिया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “संभल का जिक्र 5,000 साल पुराने शास्त्रों में मिलता है। उनमें भगवान विष्णु के भावी अवतार का जिक्र है। दूसरी ओर, इस्लाम का उदय केवल 1,400 साल पहले हुआ था।” उन्होंने कहा, “मैं ऐसी चीज की बात कर रहा हूं जो इस्लाम से कम से कम 2,000 साल पुरानी है।

मंदिर तोड़ा गया

मुख्यमंत्री ने कहा, “इन बातों के प्रमाण सदियों से मौजूद हैं। याद कीजिए, 1526 में संभल में भगवान विष्णु का मंदिर तोड़ा गया था। दो साल बाद 1528 में अयोध्या में राम मंदिर भी तोड़ा गया।” आरएसएस से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका ‘ऑर्गनाइजर’ की ओर से लखनऊ में आयोजित ‘मंथन: कुंभ और उससे आगे’ कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि दोनों ही कृत्य एक ही व्यक्ति ने किए थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया के हर धर्म और पूजा पद्धति में कुछ अच्छाइयां होती हैं।

सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि “किसी की आस्था को जबरन छीनना और उनकी मान्यताओं को कुचलना अस्वीकार्य है, खासकर तब जब हम संभल के बारे में सच्चाई जानते हैं। पिछले साल नवंबर में कोर्ट के आदेश के बाद एक मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर संभल में तनाव है। कुछ लोगों का दावा है कि यह मस्जिद तोड़े गए मंदिर पर बनी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभल एक ‘ऐतिहासिक सच्चाई’ का प्रतिनिधित्व करता है और उन्होंने हमेशा इस बारे में खुलकर बात की है।

चुनौती देनी चाहिए

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं योगी हूं। मैं हर संप्रदाय, समुदाय और पूजा पद्धति का सम्मान करता हूं। अगर आप गोरखनाथ पीठ जाएंगे तो पाएंगे कि वहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है। सभी जाति, क्षेत्र और संप्रदाय के लोग एक साथ बैठकर एक ही थाली में भोजन करते हैं। हमारे पूज्य संत, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, एक साथ बैठकर भोजन करते हैं और उन्हें समान सम्मान मिलता है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “इसलिए मैं कहता हूं कि उपनिषदों में व्यक्त भारत की वैदिक परंपरा की भावना हमारे अंदर गहराई से समाहित है। हर पूजा पद्धति, चाहे वह सनातन धर्म से संबंधित हो या दुनिया के किसी भी अन्य धर्म से, उसमें कुछ न कुछ अच्छाई निहित है, यही वजह है कि इतने सारे लोग उसका पालन करते हैं।” विपक्षी दलों और आलोचकों की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “इन लोगों को पहले शास्त्र पढ़ना चाहिए, उसके बाद ही मुझे उन पर बहस करने की चुनौती देनी चाहिए।

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