जयपुर : होली से एक दिन पहले होलिका जलाने की परंपरा देश में सदियों से चली आ रही है। इसके लिए राजस्थान के विभिन्न शहरों में तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं. चौक-चौराहों और गलियों में एक ही स्थान पर होलिका दहन की व्यवस्था की गयी है. शुभ मुहुर्त के अनुसार होलिका जलाई जाएगी।
बुराई पर अच्छाई की जीत
होलिका दहन को लेकर धार्मिक मान्यताएं तो हैं ही, इसमें एक संदेश भी छिपा है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश भी देता है। यह त्यौहार भक्त प्रह्लाद की भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और आस्था पर आधारित है।
कल दोपहर तक पूर्णिमा
पूर्णिमा की तिथि 13 मार्च को सुबह 10.36 बजे से शुरू होगी और 14 मार्च को सुबह 12.24 बजे तक रहेगी। भद्रा के कारण होलिका दहन का शुभ समय 13 मार्च को रात 11.29 बजे से 12.06 बजे तक है। रात 11.29 बजे भद्रा समाप्त हो जाएगी जिसके बाद होलिका जलाई जाएगी। राजस्थान के जयपुर, पुष्कर, उदयपुर, जोधपुर और जैसलमेर जिलों में इस समय होलिका जलाई जाएगी.
कल होली
होलिका दहन के अगले दिन धूमधाम से होली मनाई जाएगी. राजस्थान में होली पर काफी उत्साह देखने को मिलता है. पुष्कर, भरतपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, बाड़मेर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और शेखावाटी में अनोखे अंदाज में होली खेली जाती है। यहां होली को एक विशेष नाम भी दिया गया है. कहीं डोलची होली, कहीं धुलंडी तो कहीं कोड़ा मार होली खेली जाती है। इसमें विदेशी पर्यटक भी हिस्सा लेने आते हैं।
