टीम इंडिया अगले महीने कैरेबियाई दौरे पर जाने वाली है। वेस्टइंडीज दौरे का आगाज़ टेस्ट सीरीज़ के साथ होगा। दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट 12 जुलाई से डोमिनिका में खेला जाएगा। इसके लिए BCCI भारतीय टीम का ऐलान कर चुकी है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने रोहित शर्मा पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक बार फिर टीम की कप्तानी की ज़िम्मेदारी सौंपी है। साथ ही आईपीएल के ज़रिए टीम इंडिया में वापसी करने वाले अजिंक्य रहाणे को उपकप्तान नियुक्त किया गया है। लेकिन, इसी बीच जडेजा को भविष्य का कप्तान बनाने की मांग हो रही है।
जडेजा में है नेतृत्व क्षमता
वेस्टइंडीज दौरे से पहले भारतीय टीम के हरफ़नमौला खिलाड़ी रवींद्र जडेजा को अचानक टीम का कप्तान बनाने की मांग की जा रही है। दरअसल, भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ सबा करीम ने रवींद्र जडेजा को नज़रंदाज़ कर अजिंक्य रहाणे को उपकप्तान बनाए जाने को लेकर टीम मैनेजमेंट पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
सबा करीम के अनुसार, कप्तानी की भूमिका के लिए ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के नाम को तवज्जो ना देना काफी आश्चर्यजनक बात है, क्योंकि जडेजा तीनों ही प्रारूपों में नियमित रूप से भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक स्पोर्ट्स चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि रवींद्र जडेजा तीनों ही फॉर्मेट में टीम इंडिया की प्लेइंग 11 के एक अहम खिलाड़ी हैं और उनके पास नेतृत्व क्षमता भी है।
सबा करीम ने बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें नहीं पता कि लोग रवींद्र जडेजा के बारे में बात क्यों नहीं करना चाहते हैं। वह सभी प्रारूपों में भारतीय टीम के रेगुलर खिलाड़ी हैं, साथ ही टीम इंडिया की टेस्ट सफलता में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। सबा करीम ने आगे कहा कि इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए उन्हें कप्तान बनाए जाने पर कभी चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि तीनों ही फॉर्मेट में उनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता। साथ ही साथ, वह राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व करने की भी क्षमता रखते हैं।