हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को ‘नो स्मोकिंग डे’ मनाया जाता है, जिसका मकसद लोगों को तंबाकू और सिगरेट छोड़ने के लिए जागरूक करना है। सिगरेट पीने को अक्सर फेफड़ों की बीमारी से जोड़ा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका असर आपके मस्तिष्क और हृदय पर भी पड़ता है?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक हर साल दुनिया भर में 80 लाख से ज्यादा लोग तंबाकू के कारण अपनी जान गंवाते हैं। इसके बावजूद लाखों लोग इस लत से छुटकारा नहीं पा रहे हैं. आइए जानते हैं सिगरेट पीने के खतरनाक दुष्प्रभाव, जो धीरे-धीरे आपकी सेहत को अंदर से खराब कर सकते हैं।
दिमाग पर बुरा असर
सिगरेट में मौजूद निकोटीन न सिर्फ लत लगाता है, बल्कि यह आपके दिमाग की कार्यप्रणाली पर भी असर डालता है। नियमित धूम्रपान करने वालों में कमजोर याददाश्त, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं देखी जाती हैं। लंबे समय तक धूम्रपान करने से स्ट्रोक का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक
धूम्रपान से रक्तचाप बढ़ता है, जिससे हृदय रोग और दिल का दौरा पड़ने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। सिगरेट में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड और निकोटीन रक्त प्रवाह को अवरुद्ध करते हैं, जिससे नसें सिकुड़ जाती हैं और हृदय को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।
प्रेग्नेंसी में दिक्कत
सिगरेट पीने से पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पुरुषों में यह शुक्राणुओं की संख्या कम कर देता है, जबकि महिलाओं में गर्भधारण की संभावना कम कर देता है। गर्भवती महिलाओं के लिए धूम्रपान से गर्भपात और जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे छोड़ें स्मोकिंग
धूम्रपान छोड़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है आत्म-नियंत्रण और दृढ़ संकल्प। निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एनआरटी), काउंसलिंग, योग और ध्यान को अपनाकर आप इस लत से छुटकारा पा सकते हैं। साथ ही, अपने परिवार और दोस्तों का सहयोग लेना भी बहुत मददगार साबित होता है।
